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किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पुख्ता रणनीति बनायें



कृषि उत्पादन आयुक्त ने की जबलपुर संभाग में बैठक
प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी. मीणा ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी करने की दृष्टि से पुख्ता रणनीति तैयार की जाए। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियों के मद्देनजर जिलेवार योजना तैयार की जानी चाहिए। श्री मीणा आज जबलपुर में संभाग के जिलों के सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे।

श्री मीणा ने कहा कि कलेक्टर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि फसल कटाई के आँकड़े पूरी तरह सही हों। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को बीमा कव्हरेज में लाया जाये। उन्होंने संभाग में खाद-बीज की उपलब्धता की जानकारी ली। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि कृषि यंत्रों का ऑनलाइन पंजीयन आरंभ किया गया है। इसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसान लाभान्वित हो सकेंगे। श्री मीणा ने कलेक्टर्स से अपेक्षा की कि वे नियमित अन्तराल में स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि आदतन कानून का उल्लंघन कर अमानक खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाये। श्री मीणा ने फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की।

प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने जिलेवार भूमि-उपयोग के वर्गीकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सिंचित रकबा कम है वहाँ रकबा बढ़ाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार किसानों की हरसंभव मदद के लिए कृत-संकल्पित है। उन्होंने जिलों के फसल कटाई प्रयोगों की भी समीक्षा की। बैठक में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के सैम्पल और उनके विश्लेषण से सामने आए नतीजों पर भी चर्चा की गई।

प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी ने विभिन्न जिलों में खरीफ फसल अल्पावधि ऋण वितरण की जानकारी ली। श्री केसरी ने संभाग के कुछ जिलों में किसान क्रेडिट-कार्ड के वितरण पर और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत बतायी।

बैठक में मौजूद जिला कलेक्टरों ने पाँच वर्ष में किसानों की आय दोगुनी करने का रोडमेप प्रस्तुत किया। छिंदवाड़ा जिले में दलहन विकास की नई रणनीति और कटनी जिले में फसलों की प्रस्तावित उत्पादकता वृद्धि और वैज्ञानिक तकनीकों को बढ़ावा देने की बात कही गई।

दूसरे सत्र में उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण, पशुपालन तथा मछुआ कल्याण से सम्बन्धित मसलों पर चर्चा हुई। कृषि उत्पादन आयुक्त ने इन विभागों में भी पाँच वर्ष तक का रोडमेप तैयार करने को कहा। श्री मीणा ने जिला कलेक्टरों से विकासखण्ड स्तर पर उद्यानिकी विभाग के दफ्तरों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं करने को कहा। उद्यानिकी आयुक्त श्री एम.एस. धाकड़ ने कहा कि उद्यानिकी के उत्पादों का मूल्य खेती से होने वाली आय से भी अधिक हो सकता है। श्री धाकड़ ने क्षेत्र प्रसार, उत्पादकता में वृद्धि और बेहतर विपणन पर जोर दिया।

बताया गया कि जल्द ही फलों और सब्जियों का रूट तय किया जाएगा और संभाग के विभिन्न जिलों में क्लस्टर बनाए जाएंगे। फल, सब्जी, मसाला, औषधीय तथा पुष्प क्षेत्र के विस्तार कार्यक्रमों पर भी विचार हुआ। तय किया गया कि सिंचाई क्षमता को ध्यान में रखते हुए कुल रकबे के एक हिस्से में सब्जी और मसाला फसलें पैदा की जाये।

प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास वी.के. बाथम ने बताया कि मत्स्योत्पादन में जबलपुर संभाग अग्रणी स्थिति में है। सिवनी जिले में मत्स्य आहार संयत्र इकाई को एक बेहतरीन नवाचार निरूपित किया गया।

 

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