प्रदेश की एक करोड़ 47 लाख ग्रामीण आबादी को अब मिलेगा नल से जल
प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 70 लीटर जल-प्रदाय किया जायेगा
प्रदेश के 24 जिलों के गाँवों में नल कनेक्शन से जल आपूर्ति के लिए सतही जल स्त्रोत आधारित 47 समूह जल-प्रदाय परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। परियोजनाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक परिवार को नल कनेक्शन द्वारा प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 70 लीटर जल-प्रदाय किया जायेगा। परियोजना के संचालन-संधारण की जिम्मेदारी 20 वर्ष तक निर्माणकर्त्ता फर्म की रहेगी जिसमें प्रत्येक गाँव में प्रतिदिन पानी की टंकी भरने की जिम्मेदारी भी शामिल होगी। योजना से मंदसौर, रतलाम, नीमच, भोपाल, विदिशा, राजगढ़, धार, सतना, पन्ना, दमोह, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, रीवा, शिवपुरी, दतिया, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, आगर, डिण्डोरी, मंडला, कटनी तथा उमरिया जिले लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि इन जल प्रदाय योजना को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद् की बैठक में मंजूरी दी गई थी।
स्वीकृत जल प्रदाय योजना गाँधी सागर योजना-एक और दो से रतलाम, मंदसौर और नीमच क्षेत्र के 1735 गाँव लाभान्वित होंगे। इसी प्रकार माही जल-प्रदाय योजना से धार और रतलाम जिले के 566 गाँवों को लाभ मिलेगा। संजय सागर नहरियाई योजना से भोपाल और विदिशा जिले के 151 गाँव तथा सगड़ (हिनौतिया-माली) योजना से विदिशा के 105 गाँव समूह जल-प्रदाय योजना से जुड़ेंगे। राजगढ़ जिले में कुण्डालिया जल-प्रदाय योजना से 535 गाँव, मोहनपुरा योजना से 400, पहाड़गढ़ योजना से 120 और गोरखपुरा योजना से 159 गाँवों को लाभ होगा। इसी प्रकार सतना-बाणसागर (भदनपुर-परसमनिया) जल-प्रदाय योजना से सतना जिले के 1019 गाँव, कंदेला योजना से रीवा के 109 गाँव, माताटीला-बसई योजना से शिवपुरी और दतिया जिले के 263 गाँव तथा आगर-मालवा जल-प्रदाय योजना से आगर जिले के 480 गाँव में नल-जल उपलब्ध करवाया जा सकेगा।
पायली समूह जल-प्रदाय योजना से जबलपुर, नरसिंहपुर और सिवनी के 638 गाँवों को जोड़ा जायेगा। इसी क्रम में सिवनी के 206 गाँव बण्डोल योजना से, 96 गाँव सिद्धघाट-सकरी मोर्चा घाट योजना से और 86 गाँव संगम घाट योजना से लाभान्वित होंगे। कुण्डम-एक योजना से जबलपुर सहित डिण्डोरी और मंडला के कुल 862 गाँव को लाभ मिलेगा। करनपुरा-एक योजना से कटनी और उमरिया के 84 गाँव तथा इंदवार-एक से उमरिया जिले के 118 गाँव योजना से जुड़ेंगे।
सागर संभाग के कुल 4839 गाँव को 31 जल-प्रदाय योजना से जोड़ा जाएगा। बक्सवाहा योजना से छतरपुर, दमोह और सागर के 299 गाँव, शाहगढ़ बंडा-एक योजना से सागर और छतरपुर के 139 गाँव, बेबस-सुनारा-दो योजना से दमोह और सागर के 215 गाँव तथा परेला- गरौली (धसान) जल-प्रदाय योजना से टीकमगढ़ और छतरपुर के 258 गाँव लाभान्वित होंगे। सागर जिले में समनापुर-सतधारा (देवरी) योजना से 227 गाँव, केसली से 170 गाँव, शाहगढ़-बंडा भाग-2 योजना से 74, रहली से 115, मड़िया (राहतगढ़-जैसीनगर) से 276, गढ़ाकोटा से 108, मालथौन योजना से 122, सनोधा-दो से 71 तथा चकरपुर बांध (बीना-खुरई) योजना से 331 गांवों को नल कनेक्शन मिल सकेंगे। छतरपुर जिले में कुटेर (राजनगर) जल-प्रदाय योजना से 133, बानसुजारा (बड़ा मलेहरा) से 120, बिजावर से 99 तथा लवकुश नगर (केन/ गौरिहार) योजना से 158 गाँव को जोड़ा जाएगा।
दमोह जिले में ब्यारमा (दमोह-पटेरा) योजना से 424 गाँव, ब्यारमा (जबेरा-तेंदूखेड़ा) से 207 तथा बेबस सुनारा-एक योजना से 57 गाँव लाभान्वित होंगे। समूह जल-प्रदाय योजना के अंतर्गत टीकमगढ़ जिले में बानसुजारा (टीकमगढ़-बलदेवगढ़) योजना से 120 गाँव तथा निवाड़ी -पृथ्वीपुर-एक से 171 और निवाड़ी पृथ्वीपुर-दो से 81 गाँवों को जोड़ा जाएगा। पन्ना जिले में पवन-ब्यारमा योजना से 103 गाँव, पवई बाँध (शाहनगर) से 158 मझगाँव (बरियारपुर) से 188 और सिंघोरा जल-प्रदाय योजना से 415 गाँवों को नल-जल की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
जनसुविधा की इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विश्व बैंक, नाबार्ड, जायका तथा न्यू डेव्लपमेंट बैंक से सहयोग लिया जाएगा।