अंदर से ऐसी दिखती है शंकराचार्य की डेढ़ करोड़ की लग्जरी बस
भोपाल। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का नाम एक बार फिर चर्चा में है। इस बार इसके पीछे वजह उनका बयान नहीं, बल्कि डेढ़ करोड़ की लग्जरी बस पर लगने वाला टैक्स है। हालांकि, स्वामी स्वरूपानंद की बस को राज्य सरकार ने टैक्स में छूट दे दी है। अब उन्हें करीब 12 लाख रुपए जमा नहीं कराने पड़ेंगे। गौरतलब है कि उन्होंने 15 लाख रुपए की बस खरीदी थी और उसमें काम कराने के बाद इस बस की कीमत तकरीबन डेढ़ करोड़ हो गई।
- शंकराचार्य के मठ से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, डीसी कंपनी से तीन बसें असेंबल करवाई गई हैं।
- एक बस की कीमत डेढ़ करोड़ रुपए है। एक बस शंकराचार्य के गोटेगांव स्थित आश्रम में रहेगी। वहीं, एक बस दिल्ली और एक उत्तराखंड में रहेगी।
- बस में शंकराचार्य की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है।
- बस के पिछले हिस्से में एक ऑटोमैटिक लिफ्ट लगाई गई है। शंकराचार्य चल नहीं सकते, इसलिए यह सुविधा दी गई है। यह लिफ्ट जमीन से टिकी रहेगी और शंकराचार्य की व्हीलचेयर यहां आकर लग जाएगी। लिफ्ट अपने आप उन्हें बस में ले जाएगी।
- इसके अलावा, बस में शंकराचार्य के लिए बिस्तर, टीवी और वॉशरूम की भी व्यवस्था की गई है।
- बस के आगे और पीछे की तरफ हाई क्वालिटी कैमरे लगाए गए हैं।
- बताया गया है कि इस कैमरे की मदद से शंकराचार्य 500 मीटर आगे और पीछे क्या चल रहा है, यह देख सकते हैं। इसके लिए एलईडी स्क्रीन बस में लगाई गई है।
क्रांतिकारी साधु कहलाते हैं शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती
- 2 सितंबर, 1924 को मध्य प्रदेश में जबलपुर के पास जन्मे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारका पीठ के धर्मगुरु हैं।
- वे 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ हुए भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा ले चुके हैं। जेल भी जा चुके हैं। लिहाजा, क्रांतिकारी साधु के नाम से भी पहचाने जाते हैं।
- एमपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह जैसे नेता उनके शिष्य हैं।
- 1973 में उन्हें ज्योतिषपीठ का शंकराचार्य बनाया गया।
- 1982 में वे द्वारका पीठ की गद्दी पर बैठे।
- वे रामजन्म भूमि आंदोलन को राजनीति से दूर रखने के लिए शंकराचार्यों के साथ मिलकर राम जन्मभूमि रामालय न्यास भी बना चुके हैं।
- साईं बाबा पर बयानबाजी से पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती नरेंद्र मोदी के सवाल पर एक पत्रकार को थप्पड़ जड़ चुके हैं।
- दरअसल, पत्रकार ने शंकराचार्य से मोदी के पीएम बनने को लेकर सवाल किया था। पत्रकार के इस सवाल पर शंकराचार्य बिफर गए थे।