आज से जाट फिर करेंगे आंदोलन, 8 जिलों में लगाई धारा 144, भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात
आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का अल्टीमेटम आज ख़त्म हो गया। आज से आंदोलनकर्ता 15 गांवों में धरना और प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। वहीं सरकार ने भी गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए राज्य के कई जिलों में अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां तैनात कर दी हैं।
राज्य के आठ ज़िलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। रोहतक और सोनीपत में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS पर पाबंदी लगा दी गई है। जिन जिलों में धारा 144 लगाई गई है वे हैं- झज्जर, सोनीपत, रोहतक, पानीपत, हिसार, जींद, फ़तेहाबाद और कैथल। राज्य से गुज़रने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल लाइन के दोनों तरफ़ एक किलोमीटर तक धारा 144 लगाई गई है। इसमें पांच या उससे अधिक लोगों के किसी जगह जमा होने पर रोक है।
15 ज़िलों के गांवों में 15 दिनों तक धरना चलेगा लेकिन...
हालांकि राहत की बात यह है कि सरकार से बातचीत के बाद यशपाल मलिक की अगुवाई वाली जाट आरक्षण संघर्ष समिति शहर की बजाय गांवों में ही धरना देने को तैयार कर रहा है। उनकी ओर से रेल और सड़क मार्ग पर धरना नहीं देने का आश्वासन दिया गया है। 15 ज़िलों के गांवों में 15 दिनों तक धरना चलेगा। इस दौरान सरकार अगर जाट आंदोलनकारियों पर दर्ज मामलों पर रुख़ साफ़ नहीं करती है तो आगे बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
पुलिस ने की शांति बरतने की अपील...
आंदोलन की घोषणा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को सभी पुलिसकर्मियों का अवकाश रद्द किए जाने की घोषणा की थी। हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुहम्मद अकिल ने कहा कि पुलिस किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखेगी और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। व्यक्ति या समूह जो शांतिपूर्ण माहौल को सीधे या परोक्ष रूप से दूषित करने की कोशिश करेंगे वे कड़ी कार्रवाई को आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी तरह से सड़क या रेल मार्ग जाम करना बर्दाश्त नहीं करेगी। पुलिस जिम्मेदार नागरिकों के साथ ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए बैठकें कर रही है।
फरवरी में हुआ जाट आंदोलन हिंसक दौर...
हरिणाया ने अपने पांच दशकों के इतिहास में इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का सबसे खराब दौर देखा था। आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गई थी, 320 लोग घायल हुए थे और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी। करीब 10 दिनों तक राज्य पंगु बना रहा था।