पीएम मोदी पांच देशों की यात्रा पर, आज करेंगे 'अफगानिस्तान-भारत मैत्री बांध' का उद्घाटन
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से पांच देशों अफगानिस्तान, कतर, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मेक्सिको के छह दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए। उनकी इस यात्रा का मुख्य मकसद इन देशों के साथ भारत के व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा सहयोग को विस्तार देना तथा संबंधों को नई गति प्रदान करनी है।
'सलमा बांध' का करेंगे आज उद्गघाटन...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ 1,700 करोड़ रुपये की लागत से बने अफगानिस्तान-भारत मैत्री बांध, सलमा बांध का आज (शनिवार को) उद्घाटन करेंगे। भारत की सरकार ने प्रांत के चिश्त ए शरीफ नदी पर इस बहुद्देशीय परियोजना का निर्माण कराया है, जिससे 75 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकती है और 42 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है। इसके अलावा स्थानीय लोगों को जलापूर्ति एवं अन्य फायदे होंगे।
अपने इस विदेश प्रवास के दौरान मोदी 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए स्विट्जरलैंड का सहयोग मांग सकते हैं, क्योंकि ये दोनों इस प्रतिष्ठित समूह के मुख्य सदस्य हैं। वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी की बातचीत के दौरान भी यह मुद्दा उठ सकता है। वहीं स्विट्जरलैंड के नेतृत्व के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री वहां के बैंकों में भारतीय नागरिकों के जमा कालेधन के मुद्दे को भी उठा सकते हैं।
पीएम मोदी की यात्रा का पहला पड़ाव अफगानिस्तान
अपनी विदेश यात्रा के पहले पड़ाव के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान जाएंगे, जहां हेरात प्रांत में वह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान-भारत मित्रता सेतु का भी उद्घाटन करेंगे। पहले इसे सलमा बांध के नाम से जाना जाता था। दोनों नेता अफगानिस्तान में मौजूदा हालात सहित कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
स्विस नेताओं से बातचीत में कालेधन का मुद्दा उठाएंगे पीएम
अफगानिस्तान से मोदी आज (शनिवार को) ही कतर के रवाना हो जाएंगे और फिर वहां से रविवार को दो दिन के लिए स्विट्जरलैंड जाएंगे। यह पूछे जाने कि प्रधानमंत्री मोदी स्विस नेताओं के साथ बातचीत के दौरान कालेधन का मुद्दा उठाएंगे, तो विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देश संपर्क में हैं। जयशंकर ने कहा, 'हम दोहरे कराधान से बचाव की संधि डीटीएए के तहत स्विस सरकार के साथ संपर्क में हैं और हमने इसको लेकर कुछ चर्चा की है तथा निकट भविष्य में हमारी कुछ योजना है। दोनों देशों के बीच कर डाटा पर सूचना आदान प्रदान को लेकर हमें स्विस प्रशासन से सहयोग मिला है।' उन्होंने कहा, 'उम्मीद करते हैं कि स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के ऑटोमैटिक आदान-प्रदान को लेकर जल्द से जल्द संपर्क स्थापित होगा तथा इस बारे में स्विस कर अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।'
एनएसजी की सदस्यता पर भी होगी बात
एनएसजी में भारत की सदस्यता की दावेदारी के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारत इस प्रतिष्ठित समूह का सदस्य बनने के लिए कई वर्षों से कोशिश करता आ रहा है और इसको लेकर काफी प्रगति हुई है। विदेश सचिव ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमने बहुत अधिक प्रगति की है और इस कारण हम कुछ दिन पहले एनएसजी की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन कर सके हैं। हम इस मुद्दे को लेकर एनएसजी के सदस्यों के साथ संपर्क में हूं और स्विट्जरलैंड इस समूह का महत्वपूर्ण सदस्य है तथा ऐसे में हम निश्चित तौर पर यह मुद्दा बातचीत में आएगा।'
अमेरिका में कांग्रेस की संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे पीएम
भारत ने बीते 12 मई को एनएसजी की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया। स्विट्जरलैंड के बाद प्रधानमंत्री 6 जून को वाशिंगटन जाएंगे, जहां उनका काफी व्यस्त कार्यक्रम है। वह अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित भी करने वाले हैं। ऐसा करने वाले वह पांचवें भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। यहां वह छह जून को 'अरलिंगटन नेशनल सिमिटरी' में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वह कई अमेरिकी थिंकटैंक के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। वह प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में भी शिकरत करेंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 7 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ द्विपक्षीय मुद्दों के संपूर्ण परिपेक्ष्य में बातचीत करेंगे। बातचीत के बाद पीएम मोदी के लिए ओबामा ने एक भोज का आयोजन भी किया है। इसके अगले दिन 8 जून को मोदी अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और बाद में उनके लिए स्पीकर ने दोपहर के भोज का आयोजन किया है। पीएम मोदी के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट की विदेश मामलों की समितियों एवं इंडिया कॉकस भी एक स्वागत कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। पीएम मोदी राष्ट्रपति के गेस्टहाउस 'ब्लेयर हाउस' में ठहरेंगे।
मेक्सिको संग द्विपक्षीय संबंधों पर होगी बात
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे में आखिरी समय पर स्विट्जरलैंड और मैक्सिको की यात्रा के कार्यक्रम को जोड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि इसी साल परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से इतर स्विस राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई मुलाकात में इस यात्रा का विचार आया। उन्होंने कहा कि मैक्सिको की यात्रा के बारे में पिछले साल सितंबर से विचार किया जा रहा था। प्रधानमंत्री मोदी 8 जून को (भारतीय समयानुसार 9 जून) मैक्सिको पहुंचेंगे, जहां वह राष्ट्रपति एनरिक पेना नीतो के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत बातचीत करेंगे, जिसमें एनएसजी में भारत की सदस्यता की दावेदारी का विषय भी शामिल होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी अगले दिन यानी 10 जून की सुबह पांच देशों की अपनी छह दिवसीय यात्रा संपन्न कर स्वदेश लौट आएंगे।