मथुरा में हिंसा, अवैध निर्माण हटाने गई पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने किया हमला, SP समेत 21 की मौत
मथुरा. यूपी के मथुरा में गुरुवार को सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला बोल दिया। फायरिंग के साथ आगजनी भी की। इसमें एक एसओ और एसपी की मौत हो गई। वहीं, 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस की जवाबी फायरिंग में 19 कब्जाधारियों की भी मौत हो गई। पुलिस जवाहर बाग में बागवानी विभाग की करीब 250 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने पहुंची थी। सीएम अखिलेश यादव ने जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट के ऑर्डर के बावजूद है कब्जा...
- लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने दो दिन पहले जवाहर बाग में कब्जा किए लोगों को नोटिस देते हुए 24 घंटे के अंदर जवाहर बाग को खाली करने की चेतावनी दी थी।
- इसके बाद भी अवैध कब्जा करने वालों ने बाग को खाली नहीं किया।
- गुरुवार को पुलिस प्रशासन ने रिहर्सल के तौर पर भारी पुलिस बल के साथ जवाहर बाग की ओर कूच किया।
- इस पर कब्जा करने वाले लोगों ने पुलिस और अफसरों को निशाना बनाते हुए फायरिंग शुरू कर दी। इससे अफरा-तफरी मच गई। भीड़ ने आगजनी भी की।
- जब तक पुलिस व अफसर कुछ समझ पाते तब तक एडिशनल एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट रामअरज यादव, एसओ प्रदीप कुमार और एसओ संतोष कुमार यादव को गोली लग चुकी थी।
- हॉस्पिटल ले जाते समय संतोष कुमार यादव की मौत हो गई।
- वहीं, मुकुल द्विवेदी की आगरा के नयति हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
पुलिस ने क्या कहा?
- एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि एक पुलिस स्टेशन इंचार्ज (SO) संतोष यादव और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की इस घटना में मौत हो गई है।
- इसके अलावा 12 पुलिसवाले जख्मी हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
- 19 शव मिले हैं। वहीं, करीब 200 लोग घायल हुए हैं।
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
- चौधरी ने कहा कि घटना पर तुरंत एक्शन लेते हुए सभी अफसरों को मौके पर रवाना कर दिया गया है।
- "घटना की जांच कराई जाएगी। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए दोषियों की पहचान की जाएगी।"
- सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि जांच में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- सीएम ने मारे गए पुलिसकर्मियों के परिजनों को 20 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी एलान किया है।