प्रदेश के 47 जिले में 567 ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर स्थापित
कुपोषण को समाप्त करने की दिशा में एकीकृत बाल विकास ने ठोस पहल की है। सार्वजनिक स्थानों पर नवजात शिशुओं को माँ का दूध मिले, इसके लिये 47 जिले में ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर स्थापित किये गये हैं। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी स्थानों पर ऐसे कार्नर स्थापित किये जायेंगे, जिससे माँ को अपने नवजात शिशु को दूध पिलाने में कोई असुविधा न हो।
श्रीमती सिंह ने बताया कि नवजात शिशु के लिये माँ का दूध बहुत जरूरी है। कुपोषण को समाप्त करने में इसकी अहम भूमिका है। माँ का दूध बच्चों को रोगों से लड़ने की क्षमता भी देता है और उन्हें मृत्यु से भी बचाता है। महिला-बाल विकास मंत्री ने बताया कि सर्वे के अनुसार शिशु के जन्म एक घंटे के भीतर स्तनपान की शुरूआत करवाकर लगभग 22 प्रतिशत और 6 माह की उम्र तक केवल स्तनपान करवाकर 15.6 प्रतिशत शिशुओं को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चे को माँ का दूध अनिवार्य रूप से 6 माह तक मिले इसके लिये सरकार ने ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर स्थापित करने का निर्णय लिया है।
मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि उन्होंने रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में भी ऐसे कार्नर स्थापित करने केलिये रेल मंत्री को पत्र लिखा है। रेल मंत्री ने हमारे आग्रह को स्वीकारकिया है और वह सहयोग दे रहे हैं। श्रीमती सिंह ने बताया कि बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर भी ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर स्थापित किये गये हैं। इससे माँ को अपने शिशु को दूध पिलाने में संकोच नहीं होगा।
ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर भोपाल में 3, रायसेन 47, सीहोर 5, राजगढ़ 2, विदिशा 5, इंदौर 25, बड़वानी 2, बुरहानपुर 6, झाबुआ 65, खण्डवा 55, खरगोन 3, जबलपुर 13, छिंदवाड़ा 2, बालाघाट 1, डिण्डोरी 30, कटनी 4, सिवनी 10, नरसिंहपुर 4, अशोक नगर 3, गुना 1, शिवपुरी 1, होशंगाबाद 18, बैतूल 1, हरदा 3, शहडोल 5, उमरिया 4, उज्जैन 10, आगर 9, देवास 10, मंदसौर 4, नीमच 7, रतलाम 20, शाजापुर 8, रीवा 62, सतना 15, सीधी 11, सिंगरौली 17, भिण्ड 1, मुरैना 8, श्योपुर 50, सागर 11, दमोह 4, पन्ना 1 और टीकमगढ़ में एक कार्नर स्थापित किया गया है।
मनोज पाठक