मातृ शक्ति भारतीय समाज की आत्मा
पुस्तकालय, ऑडिटोरियम, क्रीड़ा प्रांगण, अतिरिक्त शिक्षण कक्ष की सौगात
मुख्यमंत्री चौहान ने सरोजनी नायडू महाविद्यालय में वार्षिक स्नेह सम्मेलन में की घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मातृ शक्ति भारतीय समाज की आत्मा है। उन्होंने कहा कि भारत को शक्तिशाली बनाने के लिये महिलाओं की क्षमताओं का पूरा उपयोग जरूरी है। श्री चौहान आज सरोजनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वार्षिक स्नेह सम्मेलन 'उत्सवप्रिया-2016'' को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय के लिये सर्व सुविधायुक्त पुस्तकालय, ऑडिटोरियम, खेल प्रांगण और छात्रा संख्या के अनुसार आवश्यक अतिरिक्त शिक्षण कक्ष निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में कन्या पूजन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज में बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता को बदलना होगा। प्रदेश में बेटियों को वरदान बनाने की पहल की गई है। मुख्यमंत्री कन्यादान, लाड़ली लक्ष्मी, गाँव की बेटी और प्रतिभा किरण आदि योजनाएँ संचालित की गई हैं। बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा-दीक्षा और विवाह तक की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठा रही है। प्रदेश की धरती पर जन्मीं लाखों लाड़ली लक्ष्मियाँ लखपति है। महिलाओं को मजबूत बनाने के लिये सरकार के सूत्र भी उनके हाथों में दिये गये हैं। स्थानीय निकायों और शासकीय शिक्षकों के पदों में महिलाओं के लिये 50 प्रतिशत और शासकीय सेवाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों पर प्रतिबंध और बालक स्वछन्द की रीति-नीति उचित नहीं है। उन्होंने लिंगानुपात में बालिकाओं की कम संख्या का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अंतर तथाकथित शिक्षित और शहरी समाज में अधिक है। उन्होंने आव्हान किया कि मातृशक्ति की गरिमा के लिये संगठित होकर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि ऐसे हर प्रयास को उनका पूरा सहयोग और समर्थन मिलेगा। श्री चौहान ने बालिकाओं को आगे बढ़ने और अपनी प्रतिभा का खुलकर प्रदर्शन करने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा और संकल्प से दुनिया को दिशा देने का कार्य किया है। महिलाएँ किसी से भी कमजोर नहीं है। आवश्यकता परिश्रम की पराकाष्ठा और प्रयत्नों की परिसीमा के साथ लक्ष्य बनाकर कार्य करने की है।
विधायक श्री सुरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि वार्षिक सम्मेलन महाविद्यालय की प्रतिभाओं के प्रदर्शन का मंच होता है। उन्होंने आयोजन की सफलता की बधाई दी।
प्राचार्या डॉ. वंदना अग्निहोत्री ने स्वागत उदबोधन दिया। डॉ. रेखा कस्तवार ने 'उत्सवप्रिया 2016'' की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। प्रारंभ में अतिथियों ने दीप जलाकर शुभारंभ किया। छात्राओं ने सरस्वती वंदना, मध्यप्रदेश गान, 20 वाद्य यंत्रों की संयुक्त प्रस्तुति स्वरांगिनी और दुर्गा सप्तशती पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी।
अजय वर्मा