स्वस्थ हैं डी वर्मिंग डे पर दवा खाने वाले सभी बच्चे
छूटे हुए बच्चों को 15 फरवरी को मॉप अप राउंड में खिलाई जायेगी दवा
प्रदेश में डी वर्मिंग डे पर चलाये गये अभियान में एल्बाण्डाजोल टेबलेट खाने के बाद सभी बच्चे स्वस्थ हैं। कुछ बच्चों में मामूली प्रतिकूल लक्षण दिखने पर उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। प्रदेश में गंभीर प्रकृति की कोई प्रतिकूल घटना प्रतिवेदित नहीं हुई है। जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 195 अल्प प्रतिकूल घटनाएँ स्वास्थ्य संचालनालय में प्रतिवेदित हुई हैं। अभियान में छूटे हुए बच्चों को मॉप अप राउंड में 15 फरवरी को यही टेबलेट खिलाई जायेगी।
उप संचालक शिशु स्वास्थ्य पोषण ने बताया कि कृमिनाशक गोली एल्बाण्डाजोल पूरी तरह सुरक्षित दवा है। जिन बच्चों के पेट में कृमि अधिक हो जाते हैं उनमें दवा खाने के बाद दवा के असर से मरे हुए कृमियों के टॉक्सिन से पेट दर्द, उबकाई आना, उल्टी और चक्कर आदि जैसे तात्कालिक लक्षण स्वाभाविक तौर पर होते हैं। यह सामान्य बात है और कुछ समय बाद यह लक्षण स्वत: समाप्त हो जाते हैं।
प्रदेश के 41 चयनित जिले में यह गोली खिलाई गई थी, जिसमें 195 अल्प प्रभावित प्रतिकूल घटनाएँ हुई हैं। इस तरह की जानकारी मिलते ही इन बच्चों को चिकित्सकीय उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्रों को रेफर किया गया था। अब उनकी स्थिति में सुधार है और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।
प्रदेश के 41 जिले में कृमि मुक्ति दिवस पर 10 फरवरी को 1 लाख 85 हजार से अधिक शासकीय शाला, शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं तथा आँगनवाड़ी केंद्रों में एल्बाण्डाजोल की गोली खिलाई गईं। कुल 1 करोड़ 51 लाख से अधिक बच्चे को दवा देने का लक्ष्य है। छूटे हुए बच्चों को अब 15 फरवरी को दवा खिलाई जायेगी। एक साल से 19 साल तक के बच्चों के पालकों से अपील की गई है कि वे बिल्कुल भी न घबरायें। यह कृमिनाशक दवा पूरी तौर पर सुरक्षित है।
अशोक मनवानी