कुपोषण को मिटाने समाज के सहयोग से चलेगा अभियान
प्रदेश में घरेलू निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
मुख्यमंत्री चौहान द्वारा महिला-बाल विकास की समीक्षा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कुपोषण के कलंक को मिटाने का व्यापक अभियान समाज के सहयोग से चलाया जायेगा। साथ ही बेटी बचाओ अभियान को नये स्वरूप में जन-आंदोलन बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि माँ-बहनों और बेटियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये आँगनबाड़ी केन्द्रों में सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने इस संबंध में कार्य-योजना तैयार करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। श्री चौहान ने महिला सशक्तीकरण के प्रयासों की सराहना करते हुए विभाग को बधाई दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान महिला-बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर विभागीय मंत्री श्रीमती माया सिंह, प्रमुख सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया, प्रमुख सचिव वित्त श्री आशीष उपाध्याय, सचिव मुख्यमंत्री श्री विवेक अग्रवाल, आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, आयुक्त एकीकृत बाल विकास सेवा श्रीमती पुष्पलता सिंह एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
शिशु लिंगानुपात में वृद्धि और बाल विवाह में गिरावट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण समाज में दिखना चाहिये। इसकी सुनियोजित रणनीति बनायें। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रदेश में महिला उत्थान के किये जा रहे प्रयासों के बाद विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। विभिन्न प्रयास से परिवार के निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी 82 फीसदी बढ़ी है। महिलाओं के बैंक खाते 9 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गये हैं। मुख्यमंत्री ने लाडो अभियान एवं अनमोल कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये विभाग को बधाई दी। लाडो अभियान से बाल विवाह में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी तरह घरेलू हिंसा में 27 फीसदी कमी हुई है। प्रदेश में जन्म के समय शिशु लिंगानुपात 905 से बढ़कर 927 हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिये विशेष अभियान चलाया जाये और उसमें समाज के समृद्ध लोगों का सहयोग लिया जाये। उनसे बच्चे या आँगनबाड़ी केन्द्र गोद लेने एवं सहयोग देने की अपील की जाये। श्री चौहान ने सुपोषण अभियान में बच्चों को गोद लेने वाले 86 हजार लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने सुपोषण अभियान में स्वच्छता, साफ पीने का पानी, टीकाकरण, स्तनपान आदि बातों को शामिल करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि आँगनवाड़ी केन्द्र नियमित खुलें, कार्यकर्ता नियमित उपस्थित हों, बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाये तथा उन्हें नियमित रूप से पोषण आहार उपलब्ध करवाया जाये। साथ ही मजदूर परिवारों के बच्चों को आँगनबाड़ी की सेवाएँ उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाये। झूला घरों को सक्रिय किया जाये। भीख माँगने वाले बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की जाये।
बैगा महिलाओं ने शुरू की खाद्य प्र-संस्करण इकाई
निर्णय लिया गया कि स्वागतम लक्ष्मी गान का सार्वजनिक कार्यक्रमों में कन्या-पूजन के समय तथा महिला-बाल विकास के सभी कार्यक्रमों में गायन किया जायेगा। बताया गया कि मध्यप्रदेश में संचालित शौर्या दल की सफलता को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इसे पूरे देश में लागू करने का प्रस्ताव किया है। इस दौरान बताया गया कि तेजस्विनी नारी चेतना महिला संघ द्वारा डिंडोरी में कोदो-कुटकी की एक खाद्य प्र-संस्करण ईकाई शुरू की गई है, जो सफलता से संचालित है। इससे 7500 बैगा आदिवासी महिलाएँ जुड़ी हैं और उन्हें आमदनी का नियमित जरिया मिल गया है। संघ द्वारा कोदो-कुटकी की भारत ब्रांड लांच की गई है।
इस मौके पर आईसीडीएस की ई-संचायिका का विमोचन किया गया। इसमें विभिन्न तरह की जानकारी शामिल की गई है। बताया गया कि सिंहस्थ महाकुंभ में महिलाओं और बच्चों के मदद के लिये शौर्या दल तैनात रहेंगे। यह खोया-पाया केन्द्रों में भी मदद करेंगें।
चौधरी