top header advertisement
Home - मध्य प्रदेश << मुख्यमंत्री चौहान ने की कृषि विभाग की समीक्षा

मुख्यमंत्री चौहान ने की कृषि विभाग की समीक्षा


फसल सुरक्षा का चलेगा विशेष अभियान
मंडी बोर्ड अब नहीं करेगा ग्रामीण सड़कों का निर्माण
किसानों को मिली 20 हजार करोड़ की सहायता

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को फसलों के संरक्षण का मार्गदर्शन देने के लिये बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जायेगा। फसल सुरक्षा को मिशन बनाया जायेगा। किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि विपरीत मौसम के कारण फसल हानि होने से बेहतर है कि पहले से सभी प्रकार के खतरों और विशेष रूप से कीट प्रकोप का अनुमान लगाकर फसलों की सुरक्षा करें। इस संबंध में किसानों को जागरूक बनाने के लिये 15 अप्रैल से 15 जून तक विशेष अभियान चलाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अब मंडी बोर्ड ग्रामीण सड़कों का निर्माण नहीं करेगा। इसके लिये उपलब्ध राशि ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को उपलब्ध करवा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड केवल मंडियों के अंदर अधोसंरचनात्मक व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने और फसल खरीदी की व्यवस्थाओं को पूरी तरह पारदर्शी बनाने पर ध्यान दे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बिजली, अनुदान, फसल नुकसान पर राहत और फसल बीमा राशि और अन्य सहायता मिलाकर 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की सहायता दी गयी है।

अनुदान आधारित योजनाओं के क्रियान्वयन में लायें सुधार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय आइल सीड मिशन जैसे कार्यक्रमों में हितग्राहियों का सत्यापन करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने मैदानी स्तर पर केन्द्र की कृषि योजनाओं के अमल पर लगातार निगरानी रखने को कहा।

मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश को जैविक खेती में आदर्श राज्य बनाने के लिये किसानों को प्रेरित करने का अभियान चलाने के निर्देश दिये। वर्तमान में चल रही अनुदान आधारित योजनाओं के क्रियान्वयन पर असंतोष व्यक्त करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इनमें और अधिक सुधार लाने की जरूरत है। श्री चौहान ने कहा कि किसानों को मिल रही अनुदान राशि सीधे उनके खाते में जाये। इसमें विलम्ब नहीं होना चाहिये। राज्य सरकार कृषि आदानों की खरीदी में दलालों की भूमिका को समूल समाप्त करने प्रतिबद्ध है।

श्री चौहान ने कहा कि वे कस्टम हायरिंग सेन्टरों के संचालकों से संवाद करेंगे। उल्लेखनीय है कि नाबार्ड ने अपने अध्ययन में प्रदेश की कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना की प्रक्रिया को आदर्श माना है। प्रदेश में 730 कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किये गये हैं। अन्य राज्यों के कृषि अधिकारी एवं विशेषज्ञ भी इस व्यवस्था का अध्ययन करने प्रदेश आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खाद्यान्न, दलहन, तिलहन के अलावा उद्यानिकी की सभी फसलों, वनोपजों की गणना करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसे कृषि सांख्यिकी में शामिल किया जाये ताकि राज्य की कुल कृषि उपज के उत्पादन आकलन प्राप्त हो सके।

मुख्यमंत्री ने बीजों की नई किस्मों के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्देश दिया। उन्होंने नर्मदा किनारे होशंगाबाद से नरसिंहपुर तक के क्षेत्र में होने वाली पारंपरिक तुवर दाल के लिये भौगोलिक विशिष्ट पहचान प्राप्त करने की आवश्यक तैयारी करने को कहा। मुख्यमंत्री ने जैविक बीज उत्पादन को मध्यप्रदेश ब्रांड के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये।

बताया गया कि तीव्रगामी मक्का विकास कार्यक्रम, बैलगाड़ी योजना, बीज सुदृढ़ीकरण योजना, जैविक खेती योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, बीज ग्राम योजना, एग्रो क्लाईमेटिक जोन परियोजना जैसी गैर जरूरी हो चुकी योजनाओं को बंद कर दिया गया है। इन योजनाओं से मिलने वाले लाभ अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों को मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बलराम तालाब योजना को परिवर्तित कर दोबारा शुरू करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना में किसानों को उन्हीं देशों में भ्रमण के लिये भेजा जाये, जो फसल उत्पादन में विशेषज्ञता हासिल कर चुके हैं जैसे इजरायल, हालेंड और डेनमार्क आदि।

मुख्यमंत्री ने सी.एम. हेल्पलाइन में किसानों की शिकायतों के निराकरण की भी समीक्षा की। उन्होंने ऐसे अधिकारियों, जिन्होंने शिकायतों का पूरी तरह निराकरण किये बिना बंद कर दिया है, के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये।

बैठक में कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी.मीणा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल उपस्थित थे।
ए.एस.

 

Leave a reply