रिवर्स बायर-सेलर मीट में लगभग 197 करोड़ के सौदों पर बनी सहमति
जिम्बावे के राजदूत रंगा के मुख्य आतिथ्य में ग्वालियर में एमपी-एक्सपोर्टेक का समापन
बीस से अधिक देशों से आए आयातकों और खरीददारों ने नौवीं एमपी एक्सपोर्टेक के आखिरी दिन भी प्रदेश के उत्पादों को पसंद किया। ग्वालियर व्यापार मेला के एक्सपोर्ट फेसिलिटेशन सेंटर में हुई रिवर्स बायर-सेलर मीट में 196 करोड़ 49 लाख रूपए के 60 सौदे अर्थात ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट) हुए। इसमें ग्वालियर-चंबल अंचल के उत्पादकों के साथ हुए 108 करोड़ रूपए से अधिक के ईओआई शामिल हैं। मेला परिसर में दुनियाभर के राजनयिकों, आयातकों एवं खरीददारों तथा प्रदेश के उद्यमियों की तीन दिवसीय मीट का समापन रविवार को हुआ।
मुख्य अतिथि जिम्बावे के राजदूत मैक्सवेल रंगा ने कहा कि 'मेक इन इंडिया को'' मध्यप्रदेश सरकार ने “मेक इन मध्यप्रदेश” के रूप में अपनाया है। उन्होंने कहा कि दो देशों में परस्पर व्यापार का हम स्वागत करते हैं। हमारे देश में होटल, डायमण्ड, सोना, एग्रो और लिकर का उत्पादन प्रमुखता से होता है। इस व्यवसाय को और बढ़ाने के लिये हम भारत सरकार के साथ परस्पर सहयोग चाहते हैं। श्री रंगा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित की जा रही रिवर्स बायर-सेलर मीट से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
लघु उद्योग निगम के प्रबंध निदेशक एवं उद्योग आयुक्त श्री व्ही एल कांताराव ने सुदूर देशों से आए खरीददारों और मेहमानों तथा प्रदेश के विक्रेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मीट में न केवल व्यापारिक सौदे हुए हैं बल्कि नए संबंधों की शुरूआत भी हुई है। श्री कांताराव ने कहा कि नौवीं एमपी एक्सपोर्ट के जरिए लम्बे समय तक चलने वाले नए कारोबार की शुरूआत हुई है।
सीआईआई के श्री एस.के. जैन ने मीट में सहयोग देने के लिये क्रेता-विक्रेता, जन-प्रतिनिधि और अन्य संबंधित के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।
21 देश के 74 आयातक-खरीददार हुए शामिल
मीट में विभिन्न राष्ट्रों के राजनयिकों ने भी शिरकत की। साथ ही 21 देश के 74 आयातक, खरीददार तथा व्यवसायिक सलाहकार मीट में व्यवसायिक सौदे करने आए। विदेशी खरीददारों ने स्थानीय क्रेताओं के साथ वन-टू-वन मीट कर सौदे तय किए। मीट में ग्वालियर-चंबल अंचल सहित समूचे प्रदेश के 92 उद्यमी ने 120 स्टॉल लगाये।
फूड सेक्टर के सर्वाधिक सौदे
· प्रोसेस्ड एवं अन प्रोसेस्ड फूड - 107 करोड़ 41 लाख ।
· इंजीनियरिंग गुड्स – लगभग 62 करोड़ ।
· फार्मास्युटिकल्स – 9 करोड़ 51 लाख ।
· टेक्सटाइल्स, हेण्डलूम एवं हेण्डीक्राफ्ट - 7 करोड़ 59 लाख ।
· हर्बल व आयुर्वेदिक उत्पाद – 5 करोड़ 44 लाख ।
· स्टोन (पत्थर) एवं स्टोन वेयर – 4 करोड़ 47 लाख ।
अफगानिस्तान के खरीददारों ने किए सर्वाधिक सौदे
अफगानिस्तान के खरीददारों ने 123 करोड़ 24 लाख, भूटान ने 29 करोड़ 83 लाख, बांगलादेश ने 20 करोड़ 55 लाख, श्रीलंका ने 7 करोड़ 66 लाख, साउथ कोरिया के ने 4 करोड़ 28 लाख, बहरीन ने लगभग 4 करोड़, वियतनाम ने 3 करोड़ से अधिक, बुल्गारिया ने एक करोड़ 60 लाख, हंगरी ने 82 लाख और यूके के खरीददारों ने 68 लाख के सौदे किए। इनके अलावा कम्बोडिया, इजिप्ट, साउथ अफ्रीका और जिम्बावे के खरीददारों ने भी प्रदेश के विक्रेताओं के साथ सौदे किए।
सौदों में ग्वालियर-चंबल अंचल क्षेत्र रहा अग्रणी
ग्वालियर-चंबल संभाग की इकाइयों के उत्पादों के सर्वाधिक 107 करोड़ 52 लाख के सौदे हुए। इनके अलावा इंदौर के 46 करोड़ 54 लाख, भोपाल के 23 करोड़ 76 लाख, जबलपुर क्षेत्र के 15 करोड़ 40 लाख, रतलाम के 2 करोड़ 38 लाख, सागर संभाग के लगभग 68 लाख और मुरैना क्षेत्र के उद्यमियों से 21 लाख के सौदे हुए।
सबसे बड़ा सौदा ग्वालियर के गणेश ऑयल मिल का
मीट में प्रोसेस्ड एवं अनप्रोसेस्ड फूड सेक्टर में सबसे बड़ा सौदा हुआ। इस केटेगरी में ग्वालियर के गणेश ऑयल मिल ने अफगानिस्तान के साथ लगभग 68 करोड़ रूपए का सौदा किया। इंदौर के एलएनएल ऑटो का 27 करोड़ 20 लाख और तीसरे स्थान पर जबलपुर की सेन्टियागो लाईफ साइंस का 8 करोड़ 16 लाख रूपए का सौदा रहा।
गदगद थे अफगानिस्तान के कारोबारी
अफगानिस्तान से आए खरीददार-मेहमान काफी गदगद थे। अफगानिस्तान के श्री अब्दुल रहीमी का कहना था कि जब इस मीट के लिये मुझे मध्यप्रदेश सरकार का आमंत्रण मिला तो मुझे खुशी के साथ आश्चर्य भी हुआ। श्री रहीमी का कहना था कि मीट हमारे लिये काफी फलदायी रही है।
रघुनंदन शर्मा