विश्व-स्तरीय हो निर्माण कार्य-शिवराज सिंह चौहान
विश्व-स्तरीय हो निर्माण कार्य
पर्यटक केन्द्रों को जोड़ने वाली सड़कों को दें प्राथमिकता
मुख्यमंत्री चौहान द्वारा लोक निर्माण विभाग की समीक्षा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को सड़क एवं भवनों के निर्माण कार्य की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता एवं डिजायन विश्व-स्तरीय होना चाहिये। उन्होंने प्रमुख पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों के कार्य को प्राथमिकता से करने एवं ग्रामीण मार्गों की नियमित मरम्मत सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। चौहान मंत्रालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में मंत्री लोक निर्माण सरताज सिंह, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव लोक निर्माण प्रमोद अग्रवाल, प्रबंध संचालक सड़क विकास निगम मनीष रस्तोगी एवं अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण सड़कों की नियमित मरम्मत की समुचित व्यवस्था हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण सड़कों की स्थिति का आकलन करें। वर्तमान स्थिति के आधार पर आवश्यक कार्य की प्राथमिकता निर्धारित कर समय-सीमा सहित कार्य-योजना तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के निर्माण, उन्नयन और नवीनीकरण की गुणवत्ता पर विशेष बल दिया जाये। कार्यों की नियमित गुणवत्ता निगरानी और सामग्री का परीक्षण करवाया जाये। उन्होंने कहा कि सड़कों के ओवर-ले कार्यों की भी जीवन अवधि निर्धारित की जाये। निश्चित अवधि से पहले उखड़ने पर निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाये। उन्होंने सड़कों पर पेंचवर्क को विभागीय स्तर पर करवाने की जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि निर्माण विभाग के अधिकारियों के लिये निरंतर निरीक्षण और भ्रमण आवश्यक है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नये शासकीय भवनों की डिजायन ऐसी बनवाई जाये, जो कम से कम स्थान घेरे। भवनों को वर्टिकल स्वरूप में ही बनवाया जाये, उनकी डिजायन और आधार भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनवायें। तात्कालिक आवश्यकता नहीं होने पर निर्माण चरणबद्ध क्रम से करवाया जा सकता है।
चौहान ने कहा कि तकनीकी अमला संसाधन आदि सभी विश्व-स्तरीय कार्य में दक्ष होने चाहिए। इसके समुचित प्रबंध किये जायें। उन्होंने नवीन सड़कों की मांग के लिये आवश्यक वित्तीय संसाधनों की जरूरत का आकलन करवाने और उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित कर उनको सामाजिक स्वीकृति दिलाने के प्रयास करने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि राज्य के 1468 किलो मीटर राज्य मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्गों में परिवर्तित करने की केन्द्र सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। प्रदेश के सभी जिला मार्गों की वर्तमान स्थिति का सर्वेक्षण कराकर प्रत्येक सड़क के लिये आवश्यक कार्यों का 5 श्रेणियों में निर्धारण कर कार्य-योजना तैयार की गई है। वर्ष 2018 तक सभी जिला मार्ग दुरूस्त हो जायेंगे। प्रदेश की 6500 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को जिला मार्गों में और 3496 किलोमीटर जिला मार्गों को राज्य मार्गों में उन्नयन करने की प्रक्रिया चल रही है।
बताया गया कि प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालय चार लेन मार्ग से जोड़े जा रहे हैं जिनमें 2 का कार्य पूर्ण तथा 5 संभाग का कार्य प्रगति पर हैं। इसी तरह 50 जिला मुख्यालय दो लेन मार्ग से जोड़े जा चुके हैं।
अजय वर्मा