राज्यपाल द्वारा मध्यक्षेत्रीय कुलपति सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का उदघाटन
सभी विश्वविद्यालय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में कार्य करें
राज्यपाल राम नरेश यादव ने कहा है कि सभी विश्वविद्यालय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में कार्य करें। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय शोध प्रयोगशालाएँ और शोध केन्द्र विश्वविद्यालय स्थापित हों। जिससे प्रदेश के आदिवासी, ग्रामीण, पिछड़े इलाकों के विद्यार्थियों को शोध का लाभ मिल सके और वे देश के विकास में भाग ले सकें। राज्यपाल यादव आज म.प्र.भोज मुक्त विश्वविद्यालय तथा अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ के मध्यक्षेत्रीय कुलपति सम्मेलन और राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल यादव ने कहा कि ग्रामीण और दूर दराज क्षेत्रों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए कम्प्यूटर तकनीक को सुविधाजनक बनाना जरूरी है। वर्तमान युग में प्रौद्योगिकी की भूमिका, ज्ञान एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनिवार्य हो गई है। कम्प्यूटर तकनीक आज समाज एवं विकास के हर क्षेत्र में शामिल हो गई है। यह इतनी उन्नत हुई है कि इसके माध्यम से विश्व स्तर पर समस्त गतिविधियाँ संचालित होने लगी हैं। श्री यादव ने कहा कि ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े इलाके में बैठे विद्यार्थी को विश्व स्तर की अध्ययन सामग्री कम्प्यूटर आधारित माध्यम से उपलब्ध करवाने के ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
इग्नू के पूर्व कुलपति प्रो. एच.पी. दीक्षित ने कहा कि उच्च शिक्षा में तेजी से बदलाव हो रहा है। अभी से हमको उच्च शिक्षा को शिखर पर ले जाने की तैयारी करना है। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ के सचिव श्री फुरकान कंवर ने कहा कि शिक्षा का विस्तार तब तक नहीं हो सकता जब तक हम सभी वर्गों को इससे न जोड़ें। शिक्षा में गुणवत्ता होना आवश्यक है। इसके लिए छात्र-छात्राओं को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराना आवश्यक है।
म.प्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति डॉ. तारिक जफर ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। राज्यपाल श्री यादव ने अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ की वार्षिक पत्रिका तथा भोज विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया। समारोह में देश के अनेक कुलपति, छात्र-छात्राएँ, शिक्षक और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राजेन्द्र राजपूत