किसानों को राहत राशि मिलने में लग सकते हैं दो से तीन महीने
भोपाल (नप्र)। फसल खराब होने के बाद सरकार से मदद की उम्मीद लगाए किसानों को राहत राशि जल्द मिलना आसान नजर नहीं आ रहा है। अब तक प्रभावित किसानों में से एक फीसदी को भी पैसा नहीं मिल पाया है। ऐसे में पूरा पैसा बंटने में दो से तीन महीने तक का समय लग सकता है। जिले के 95 हजार प्रभावित किसानों के लिए प्रशासन ने 104 करोड़ रुपए की राहत राशि की मांग शासन को भेजी थी। सरकार ने पहली किस्त के बतौर 52 करोड़ रुपए जारी किए हैं। प्रशासन नेहर किसान तक राहत राशि पहुंचाने के लिए नवंबर अंत तक का लक्ष्य रखा है।
किसान ज्यादा और दिक्कतें भी
यह काम शुरुआत से ही पिछड़ गया। बीते दस दिन में महज सात हजार किसानों से घोषणा पत्र भरवाए जा सके हैं। इसमें से हुजूर सर्कल में महज 369 किसानों को ही 40 लाख रुपए जारी हो पाए हैं। करीब दस लाख रुपए के बिल लगे हैं। बैरसिया सर्कल में लगभग 90 लाख रुपए मंजूर हो गए हैं। ये खाते में पहुंचना शुरू हो गए हैं। इस हिसाब से शासन से मिली राशि का करीब तीन फीसदी ही बंटने की स्थिति में पहुंच पाया है। इस बीच राहत राशि का काम संभाल रहे पटवारी हड़ताल पर चले गए। इससे प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो गई। घोषणा पत्र ही नहीं भर पा रहे। बतौर विकल्प बैरसिया और हुजूर सर्कल में पंचायत सचिवों को इसका जिम्मा सौंपा गया है। पर उस रफ्तार से काम नहीं हो पा रहा है। ऐसे में राहत राशि वितरण से जुड़े अफसर मान रहे हैं कि किसानों तक राशि पहुंचाने में दो-तीन महीने लगेंगे।
दोबारा बनाना पड़ रहे प्रकरण
सरकार ने हाल में नियमों में बदलाव कर दिया। केवल आयकरदाताओं को राहत राशि की पात्रता सूची से बाहर कर दिया। अब प्रोफेशनल और सर्विस टैक्स भरने वालों को भी यह पैसा मिल सकेगा। अफसरों ने पुराने नियमों के अनुसार इन्हें अपात्र मान लिया था। पर अब ऐसे किसानों या खातेदारों को भी प्रकरण बनाए जा रहे हैं।
किसान ज्यादा और दिक्कतें भी
यह काम शुरुआत से ही पिछड़ गया। बीते दस दिन में महज सात हजार किसानों से घोषणा पत्र भरवाए जा सके हैं। इसमें से हुजूर सर्कल में महज 369 किसानों को ही 40 लाख रुपए जारी हो पाए हैं। करीब दस लाख रुपए के बिल लगे हैं। बैरसिया सर्कल में लगभग 90 लाख रुपए मंजूर हो गए हैं। ये खाते में पहुंचना शुरू हो गए हैं। इस हिसाब से शासन से मिली राशि का करीब तीन फीसदी ही बंटने की स्थिति में पहुंच पाया है। इस बीच राहत राशि का काम संभाल रहे पटवारी हड़ताल पर चले गए। इससे प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो गई। घोषणा पत्र ही नहीं भर पा रहे। बतौर विकल्प बैरसिया और हुजूर सर्कल में पंचायत सचिवों को इसका जिम्मा सौंपा गया है। पर उस रफ्तार से काम नहीं हो पा रहा है। ऐसे में राहत राशि वितरण से जुड़े अफसर मान रहे हैं कि किसानों तक राशि पहुंचाने में दो-तीन महीने लगेंगे।
दोबारा बनाना पड़ रहे प्रकरण
सरकार ने हाल में नियमों में बदलाव कर दिया। केवल आयकरदाताओं को राहत राशि की पात्रता सूची से बाहर कर दिया। अब प्रोफेशनल और सर्विस टैक्स भरने वालों को भी यह पैसा मिल सकेगा। अफसरों ने पुराने नियमों के अनुसार इन्हें अपात्र मान लिया था। पर अब ऐसे किसानों या खातेदारों को भी प्रकरण बनाए जा रहे हैं।