प्रदेश की संपन्नता, आत्मीय और सर्व समावेशी व्यवहार के प्रकटीकरण का माध्यम बना समिट का स्वादिष्ट भोजन
उज्जैन- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पर्यटन व संस्कृति पर केंद्रित सत्र में कहा था कि मेले का मतलब है मेल-जोल बढ़ाना और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट,उद्योगपितयों-निवेशकों-उद्यमियों और सरकार व प्रदेशवासियों के बीच मेल-जोल बढ़ाने का प्रभावी माध्यम है। भोपाल में पहली बार आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश दुनिया के प्रमुख उद्योगपति, निवेशक, यंग इन्नोवेटर, जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुसार निवेश के इस महाकुंभ में पधार रहे सभी अतिथियों का स्वागत-सत्कार, भारतीय संस्कृति के "अतिथि देवो भव:" का भाव जीआईएस में साकार हुआ। उनका विचार था कि यह आयोजन परस्पर मेल-जोल, सद्भावना और सुखद अनुभूति के साथ हो और समिट की सुमधुर स्मृतियां, लंबे चलने वाले संबंधों का आधार बनें। अत: इस वैश्विक आयोजन में अतिथियों के आवागमन-आवास और भोजन की व्यवस्था के प्रति आरंभ से ही विशेष संवेदनशीलता रही। वैश्विक सम्मेलन में, विविधता से भरे हमारे देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ दुनिया के लगभग 60 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। भोजन, सभी की मूल आवश्यकता है, परंतु अलग-अलग सामाजिक -सांस्कृतिक-भौगोलिक परिवेश के कारण भोजन के लिए लोगों की आदतें, रुचियां और आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं। विभिन्न क्षेत्रों से आए इन विशिष्ट जन के लिए भोजन की व्यवस्था एक चुनौती थी। विविधता भरे समागम में सभी के स्वाद और संतुष्टि के अनुरूप भोजन की व्यवस्था करना, एक प्रकार से अपनी दक्षता का प्रमाण देने जैसा था। भोजन हमारी संपन्नता- सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध विरासत को अभिव्यक्त करने का माध्यम है। यह माना जाता है कि भोजन में लोगों को जोड़ने की अद्भुत क्षमता है। अच्छे स्वाद-सुगंध-स्पर्श और आकर्षक प्रस्तुतिकरण से भोजन की यह क्षमता और बढ़ जाती है। देश के दिल में बसे मध्यप्रदेश का भोजन, नए बदलावों को समरसता के साथ आत्मसात करने का प्रतीक है। स्वरुचि भोज परस्पर सौहार्द्र पैदा करने की सामर्थ्य रखते हैं। ग्लोबल समिट के लंच डिनर सेशन, प्रदेश की संपन्नता और आत्मीय तथा सर्व समावेशी व्यवहार के प्रकटीकरण का माध्यम बने। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा दिए गए भोज देश-विदेश के उद्योग समूहों को मध्यप्रदेश के करीब लाने और उनमें राज्य के प्रति रुचि विकसित करने तथा परस्पर मेल-जोल बढ़ाने में सफल रहे।