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ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के पूर्व एमएसएमई विभाग की नई नीति को मिली मंजूरी


उज्जैन- माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में 24 और 25 फरवरी को इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित मंत्रि-परिषद की बैठक में म.प्र. एमएसएमई विकास नीति-2025 को मंजूरी दी गई है। इससे प्रदेश में आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को नई गति मिलेगी। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र उज्जैन के महाप्रबंधक श्री अतुल बाजपेई ने बताया कि मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2025 के जरिए विनिर्माण औद्योगिक निवेश पर 40 प्रतिशत तक की सहायता, नए उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमी इकाई को 48 प्रतिशत की सहायता और पिछड़े विकासखण्डों में 1.3 गुना सहायता का प्रावधान किया गया है। निर्यातक इकाई को निवेश पर 52 प्रतिशत तक की सहायता, निर्यात हेतु माल दुलाई पर अधिकतम 2 करोड़ रुपए की सहायता के साथ साथ निर्यात हेतु प्रमाण पत्र पर 50 लाख रुपए की सहायता एवं निजी भागीदारी से औद्योगिक क्षेत्र/क्लस्टर/बहुमंजिला औद्योगिक परिसर के अधोसंरचना विकास के लिए अधिकतम  40 करोड़ तक सहायता का भी प्रावधान किया गया है। मध्यम इकाई को कौशल विकास और रोजगार सृजन हेतु का भी नीति में प्रावधान है। सेवा क्षेत्र में पहली बार सहायता दी गई है, जिसमें लॉजिस्टिक रिसाईकलिंग, मोटर यान स्क्रेपिंग के साथ साथ आर एंड डी शामिल है। मेडिकल डिवाइस और फुटवियर के लिए पहली बार विशेष पैकेज भी दिया गया है। वहीं, इस नीति के तहत नवीन क्षेत्र को सहायता देने का भी प्रावधान किया गया है। जिसके तहत एमएसई एक्सचेंज, लीन इंजीनियरिंग, टेस्टिंग लैब, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हेतु सहायता का भी प्रावधान किया गया है।

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