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उज्जैन सिंहस्थ 2028 के भव्य आयोजन के संकल्प के साथ आया हूं प्रयागराज : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


उज्जैन- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महाकुंभ सनातन संस्कृति का गौरवशाली उत्सव है। विशेष ग्रह नक्षत्रों के शुभ संयोग में होने वाले महाकुंभ में सभी की आस्था का प्रकटीकरण होता है। साथ ही साधु-संतों के सान्निध्य में आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी प्राप्त होता है। भारत वर्ष में प्रत्येक 12 वर्ष में अलग-अलग चार नगरों में होने वाले कुंभ में स्नान का अवसर कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रयागराज के महाकुंभ में पधारे श्रद्धालुओं को इस सौभाग्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वे उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ : 2028 के दिव्य और भव्य आयोजन की तैयारी के संकल्प के साथ प्रयागराज आए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पवित्र संगम में डुबकी लगाने के बाद प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के बाद कहा कि माँ गंगाजमुना और सरस्वती की कृपा हैसंगम का किनारा है। प्रयागराज सभी तीर्थों का राजा है। यहां आज कुंभ स्नान का जो आनंद आया है वह कई जन्मों के पुण्य के बाद प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि माँ गंगायमुना और सरस्वती का प्रवाह अनंत काल तक निर्बाध रहेसबका मंगल एवं कल्याण हो, ऐसी कामना करता हूँ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रयागराज महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं राज्य सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद से उत्तरप्रदेश सरकार ने इस भव्य महाकुंभ का कुशलता से आयोजन किया है। विगत दिनों प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं। अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी तीर्थराज प्रयाग पधार रहे हैं। सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर साधु-संतों से भी लेंगे मार्गदर्शन मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि कुंभ मेले में धर्म के प्रति आस्था के साथ अनेकों साधु-संतों का सत्संग मिलता हैजिससे जीवन की सार्थकता सिद्ध होती है। वृहस्पति के सिंह राशि में प्रवेश करने पर उज्जयिनी में सिंहस्थ का आयोजन होता है। समुद्र मंथन की आलौकिक घटना से भी इसका संबंध है। इस अवसर पर ऋषि-मुनिसाधु-सन्यासीतपस्वी एवं श्रद्धालु आस्था के इस महापर्व में शामिल होते हैं और आस्था के साथ पवित्र स्नान करते हैं। उन्होंने कहा कि उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिएप्रयागराज महाकुंभ में हुई तैयारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों का दल प्रयागराज भेजा गया है। महाकुंभ में पधारे साधु-संतों से भी इस संबंध में मार्गदर्शन लिया जाएगा।

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