यूपी, गुजरात के 10 श्रद्धालु से महाकाल में जल अर्पण के नाम पर 9900 रु. की ठगी, 6 निलंबित, केस दर्ज
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में गुरुवार सुबह श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कलेक्टर ने उप्र और गुजरात से आए 10 लोगों के साथ ठगी कर रहे मंदिर के पुरोहित प्रतिनिधि और दो अन्य दर्शन और गर्भगृह में जलाभिषेक के नाम पर रुपए लेते हुए को रंगेहाथ पकड़ा। तीनों आरोपियों को महाकाल थाने भिजवाया। मामले में थाने पर एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, महाकाल मंदिर प्रशासक सहित उप्र और गुजरात से आए 10 फरियादी को आवेदन देने के लिए भेजा। मंदिर प्रबंधन की ओर से सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने एफआईआर दर्ज करवाई।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए रोजाना की तरह सुबह 7 बजे कलेक्टर नीरजकुमार सिंह पहुंचे। इस दौरान उन्हें नंदी हॉल में 10 श्रद्धालु दर्शन करते नजर आए। कलेक्टर सिंह ने सभी श्रद्धालुओं से चर्चा की। उनसे पता किया कि वे नंदी हॉल तक कैसे पहुंचे। श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्हें पुरोहित प्रतिनिधि राजेश भट्ट, पप्पू उर्फ अजय शर्मा और कुणाल शर्मा यहां लेकर आए हैं। उसने प्रति व्यक्ति 1100 रुपए में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को जल अर्पित करने का भरोसा भी दिलाया। हालांकि उनसे जलाभिषेक नहीं करवाया। कलेक्टर ने सभी भक्तों सहित तीनों आरोपियों को महाकाल थाने भिजवा दिया।
सामान्य दर्शन के लिए जा रहे थे, रोककर झांसा दिया श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि वह सामान्य दर्शन करने जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में जल चढ़ाने का पूछा तो उन्हें बताया कि वे 1100 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से सभी श्रद्धालुओं को जल चढ़वा देंगे। इसके बाद नीतेशकुमार सम्राट, मनोज कुमार, अजय कुमार, संजू देवी, गुड़िया, सलोनी, पलक सभी निवासी नगर पंचायत मुंडखा जिला बस्ती उप्र से 6600 रुपए लिए। इसी तरह योगेश भाई, जीनल बेन और हर्षल निवासी अहमदाबाद, गुजरात से 3300 रुपए लिए।
कलेक्टर ने तीनों आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। महाकाल थाने में श्रद्धालुओं ने एफआईआर दर्ज करवाई है। इसमें पप्पू उर्फ अजय शर्मा निवासी सिंहपुरी, राजेश भट्ट निवासी कार्तिक चौक और कुणाल शर्मा निवासी सारोला भैरवगढ़ पर प्रकरण दर्ज करवाया है।
केवल प्रोटोकॉल वाले ही जा सकते हैं नंदी हॉल में मंदिर की व्यवस्था सुधारने के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने महाकाल लोक में प्रोटोकॉल ऑफिस स्थानांतरित किया है। मंदिर प्रशासक के अनुसार इसके बाद प्रोटोकॉल ऑफिस से अनुमति मिलने के बाद ही नंदी हॉल में प्रवेश दिया जाता है। बिना अनुमति किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया जाता।