नये साल में इंदौर को मिल सकती है बीआरटीएस से मुक्ति -कीर्ति राणा (वरिष्ठ पत्रकार)
नये साल में इंदौर को मिल सकती है बीआरटीएस से मुक्ति
•••भोपाल रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से ली जानकारी
कीर्ति राणा।हर दिन ट्रैफिक जाम से जूझ रहे शहर के लाखों वाहन चालकों को इस समस्या से राहत दिलाने का हल संवेदनशील मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोच लिया है।बहुत संभव है कि बीआरटीएस को हटाने का तोहफा नये साल में शहर को मिल जाए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव इंदौर से रवाना होने के पूर्व शनिवार की शाम जिस तरह कलेक्टर आशीष सिंह से बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) के संबंध में जानकारी लेकर गए हैं उससे यह संकेत मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि करीब 11 साल पहले बीआरटीएस को इसलिये जरूरी माना गया था कि हर दिन इस मुख्य मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों को राहत मिल जाएगी, जब 50 हजार यात्री बीआरटीएस में चलने वाली बसों से सफर करेंगे।इस एक दशक में शहर की जनसंख्सा में वृद्धि के साथ ही देश में सर्वाधिक वाहन इंदौर में हो गए हैं लेकिन बीआरटीएस में बसों में यात्रियों की संख्या उतनी ही है।जबकि इसके दोनों तरफ की (आने-जाने वाली) सड़कों पर वाहनों के दबाव में निरंतर वृद्धि हुई है।बीआरटीएस में बसों के साथ ही साइकिल चालकों के लिये भी सर्विस रोड के लिए भी जगह आरक्षित है किंतु इसका उपयोग मार्निंग वॉकर ही अधिक करते हैं। व्यस्त समय में यह सर्विस रोड अनुपयोगी ही रहती है।
बीआरटीएस को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दो याचिका लगी हुई हैं जिसमें शासन का जवाब था कि यह सफल प्रोजेक्ट हैं और रोज हजारों यात्री इसका लाभ ले रहे हैं। इस पर कोर्ट ने इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी में वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद अग्रवाल, परिवहन विभाग, आईएएम, आईआईटी के सदस्य शामिल हैं।कमेटी बीआरटीएस को लेकर शहर की जनता का पक्ष भी जानेगी। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट जिला प्रशासन को दिशा निर्देश देगा।
फ्लाईओवर की मंजूरी का मतलब
अनुपयोगी हो चुका है बीआरटीएस
दोनों याचिका में कहा गया है कि बीआरटीएस पर सरकार फ्लाईओवर बनाने जा रही है। यह सिद्ध करता है कि बीआरटीएस असफल रहा है। अब तक यह तय नहीं है कि बीआरटीएस का मालिक कौन है। इस प्रोजेक्ट का मास्टर प्लान में कोई उल्लेख नहीं है। फ्लाईओवर बनाने के दौरान बीआरटीएस पर बसों का आवागमन बंद रहेगा ऐसी स्थिति में रैलिंग हटाकर इसे खत्म कर दिया जाए।
इसलिये उठ रहे बीआरटीएस पर सवाल? —बीआरटीएस की वजह से आम यात्रियों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।
—सड़क का 37 प्रतिशत बीआरटीएस के लिए, 33 प्रश. सामान्य परिवहन के लिए और 30 प्रश. बाकी वाहनों के लिए उपयोग हो रहा है.।
—इस 37 प्रतिशत सड़क पर 2.3 प्रतिशत यात्री यात्रा कर रहे हैं, जबकि 33 प्रतिशत सड़क पर 97.7 प्रतिशत यात्री यात्रा करने को मजबूर हैं।
—50 हजार यात्रियों की सुविधा के लिए 25 लाख लोगों को परेशानी झेलना पड़ रही है।
—मास्टर प्लान में एबी रोड की चौड़ाई 60 मीटर निर्धारित की गई है तो एलआइजी से नवलखा पावर हाउस तक यह 31.5 मीटर कैसे हो गई। —बीआरटीएस में बाधक 20 निर्माण हटाए ही नहीं गए, नया निर्माण होता रहा।
—बीआरटीएस प्रोजेक्ट में कई नियमों का उलंघन किया गया है।
—नगर और ग्राम निवेश से विधिवत नक्शा भी स्वीकृत नहीं करवाया गया।
—बीआरटीएस मार्ग पर एआइटीसीएल द्वारा अवैध बस स्टैंड संचालित किया जा रहा है।
कलेक्टर ने कहा
मुख्यमंत्री ने बीआरटीएस के संबंध में जानकारी मांगी थी। उन्हें हाईकोर्ट द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के संबंध में अवगत कराया है। समिति की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट के जो दिशानिर्देश होंगे उसका पालन करेंगे।
-आशीष सिंह कलेक्टर