top header advertisement
Home - आपका ब्लॉग << ‘आओ बनिए गुरसिख प्यारा’ पंजाबी में केबीसी जितना लोकप्रिय टीवी शो -कीर्ति राणा (वरिष्ठ पत्रकार)

‘आओ बनिए गुरसिख प्यारा’ पंजाबी में केबीसी जितना लोकप्रिय टीवी शो -कीर्ति राणा (वरिष्ठ पत्रकार)


‘आओ बनिए गुरसिख प्यारा’ पंजाबी में केबीसी जितना लोकप्रिय टीवी शो 
गुरसिफत कौर ने इंदौर दा ना रोशन कित्ता *
कीर्ति राणा  इंदौर।
चढ़दीकला टाइम टीवी पर केबीसी जितने लोकप्रिय टीवी शो ‘आओ बनिए गुरसिख प्यारा’ के 33वें एपिसोड में शहर की 11वर्षीय गुरसिफत कौर ने सारे सवालों के सही जवाब देकर टाइटल जीतने के साथ ही इंदौर का नाम भी रोशन किया है।  इस गेम शो में सिक्ख इतिहास और सिक्ख शख्सियतों  से संबंधित  9 सवाल पूछे जाते हैं और कुछ लाइफ लाइंस होती है।एक मात्र गुरसिफत ऐसी प्रतियोगी थीं जिन्होंने बगैर लाइफ लाइन का सहारा लिये सारे जवाब देकर सिख धर्म और इतिहास में गहरी रुचि होने का परिचय दिया है।

इस शो का प्रसारण चढ़दी कला टाइम टीवी पर रविवार सुबह 10.40 पर दो भाग में 13 और 20 अक्टूबर को प्रसारित हो चुका है।सिक्ख इतिहास से संबंधित अन्य प्रतियोगिताओं में भी गुरसिफत अपने नाम का लोहा मनवा चुकी है ।इस उपलब्धि पर खंडवा रोड स्थित गुरुद्वारा न्यू रानी बाग में 3 नवंबर की शाम गुरु गोविंद सिंह स्टडी सर्कल द्वारा गुरसिफत का सम्मान किया जाएगा।उनकी मां जगप्रीत कौर बताती हैं इसकी दादी बलवीर कौर ने गुरसिफत नाम रखा था जिसका अर्थ ईश्वर की तारीफ होता है। 

 बहुत छोटी उम्र से ही गुरसिफत की सिक्ख इतिहास में रुचि रही है । सिख परंपरा के अनुसार दुनिया के हर गुरुद्वारे में प्रतिदिन सुखमनी साहब की जो अरदास की जाती है गुरसिफत उसमें भी महारत  रखती हैं।शहर की धरोहर ऐतिहासिक गुरुद्वारा इमली साहिब में भी वो कई बार यह अरदास कर चुकी है।

क्यों खास है गुरसिफत की यह उपलब्धि 

चढ़दीकला टाइम टीवी के शो ‘आओ बनिए गुरसिख प्यारा’ में गुरसिफत की यह उपलब्धि इसलिये भी खास है कि इसके हर शो में सुखमनी साहब की आधी लाईन कंटेस्टेंट को बताना होती है, इसके जवाब कई प्रतिभागी नहीं दे पाते लेकिन वह सफल रही।इसी तरह शो में कीर्तनिये का ऑडियो सुनाकर उसकी आवाज पहचाननी के लिये कहा जाता है । उसने कीर्तनिये की आवाज पहचान कर सही नाम भी बता दिया था। 

पहला शब्द ‘वाहे गुरु’ बोला ! 

सेंट अर्नाल्ड  स्कूल की 6ठी क्लास की छात्रा गुरसिफत के पिता जसमीत भाटिया बताते हैं 
जन्म के बाद जब बच्चा बोलना शुरु करता है तो परिजन के किसी सदस्य का नाम लेता है लेकिन उसके मुंह से पहला शब्द ‘वाहे गुरु’ सुन कर पूरा परिवार अचंभित रह गया।अब समझ आता है कि ईश्वर की तारीफ ही उसका पर्याय क्यों बन गई।पंजाबी में बनी मप्र की पहली शार्ट मूवी ‘टूवर्डस रूट’में भी वह अभिनय कर चुकी है। अकाल सहाय प्रॉडक्शन की इस फिल्म के डायरेक्टर जेएस भाटिया हैं। उनकी दो बेटियों में वह बड़ी है छोटी बेटी सैफवीर कौर है।

....000.....

Leave a reply