गुड हार्मोंस, बेड हार्मोंस व्यक्ति को खुश रखने में मदद करते है -कुलगुरू प्रो. अखिलेश पांडे माधव महाविद्यालय में आनंद विभाग की अल्पविराम परिचय कार्यशाला
उज्जैन- हमारा कर्तव्य हमारी प्राथमिकता नहीं है। जब हम कर्तव्य से विमुख होकर
अपने व्यक्तिगत कार्यो या स्वार्थ में समय देते हैं तब हमारे बेड हार्मोंस स्रावित होते हैं और नकारात्मकता
एवं असंतुलन की स्थिति बनती है। इसके विपरीत जब हम अपने कर्तव्य के प्रति सजग और ईमानदार रहते
हैं तब हमारे अंदर गुड हार्मोंस स्रावित होते हैं अर्थात हमारा व्यक्तित्व संतुलित एवं आनंद से परिपूर्ण होता
है। यह दोनों हमारे अंदर ही है, यही गुड हार्मोंस, बेड हार्मोंस व्यक्ति को खुश रखने में मदद करते है। यह
विचार विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश पांडे ने राज्य आनन्द संस्थान की उज्जैन
इकाई द्वारा शासकीय माधव महाविद्यालय में आयोजित अल्पविराम परिचय कार्यशाला में कहे।
इस अवसर पर दर्शनशास्त्र विभाग की प्रभारी डॉ.शोभा मिश्रा ने भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के
तत्वाधान में कहा कि हमारी प्राचीन समृद्ध संस्कृति, ज्ञान परम्परा की महिमा अपरंपार है। आयोजन की
अध्यक्ष जबलपुर की पूर्व न्यायमूर्ति श्रीमती मीना भट्ट ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में सुख के
साथ आनंद की सर्वाधिक आवश्यकता है।
कार्यशाला के शुभारम्भ पर आनंदम सहयोगी श्रीमती स्वाति पंचोली ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति
दी तथा अल्पविराम कार्यशाला की भूमिका और अल्पविराम का विस्तृत परिचय आनंद विभाग उज्जैन के
समन्वयक डॉ.प्रवीण जोशी ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि जिले में एक हजार से अधिक आनंदक पंजीकृत
है। आनंदम सहयोगी डॉ.ललित नागर ने स्वागत भाषण और आनंद की बातें बताई। आनंद के टूल्स चिंता
का दायरा, प्रभाव का दायरा के माध्यम से मास्टर ट्रेनर सुश्री रंजना मालवीय ने अपनी प्रस्तुति दी। सी.पी.
जोशी ने फ्रीडम ऑफ़ ग्लास और अल्पविराम के अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर आनंदम
सहयोगी श्री राजेश शर्मा एवं श्री जितेंद्र मालवीय तथा कार्ड संस्था से श्रीमती अमृता चतुर्वेदी विशेष रुप से
उपस्थित थे। अल्पविराम कार्यशाला का संचालन डॉ. जफर महमूद ने किया तथा आभार डॉ. अल्पना दुभाषे
ने माना।