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आवास बनाने के लिए मिली राशि का जिले के 197 हितग्राहियों ने किया दुरुपयोग, नोटिस देने के बाद भी नहीं लौटा रहे रुपए


उज्जैन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के कुल 11 हजार 534 हितग्राही हैं, जिनमें से 197 हितग्राहियों ने योजना के तहत पहली और दूसरी किस्त की राशि तो ले ली लेकिन उसका उपयोग घर बनाने की जगह अन्य जरूरत के काम में लगा दिया। जब अधिकारी तीसरी किस्त के लिए इन हितग्राहियों के घरों का निरीक्षण करने पहुंचे तो देखा कि घर तो पुरानी अवस्था में ही िमला।

कुछ घर कच्चे और काफी बुरी स्थिति में भी मिले। हितग्राहियों द्वारा पीएम आवास की राशि मिलने के बाद भी न तोड़ा गया और न ही कोई नया निर्माण हुआ। लोगों ने योजना के अंतर्गत मिले रुपए को अन्य जरूरतों के चलते खर्च कर दिए। इस तरह के पूरे जिले में 197 व उज्जैन शहर में ऐसे 99 हितग्राही हैं। निरीक्षण के बाद जब हितग्राही से योजना के तहत किस्त में मिले रुपए को वापस मांगा गया तो समय सीमा निकलने के बाद भी किसी हितग्राही ने राशि वापस नहीं लौटाई। इसके बाद ऐसे हितग्राहियों की पात्रता सरेंडर करते हुए इनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल से हटवाया गया व अब प्रशासन को इन 99 हितग्राहियों के खातों में डाले रुपए शासन को रिफंड करना है। इसके चलते इन लोगों को नोटिस जारी किए गए व अब तक केवल 22 लोगों ने भुगतान रिफंड किया है, बाकी ने भुगतान नहीं किया। इनमें से 34 दो किस्त ले चुके हैं। इन्होंने किसी प्रकार का कोई निर्माण शुरू भी नहीं किया। योजना के अंतर्गत ढाई लाख रुपए मिलते हैं, जिनमें से पहली दो किस्तों में एक-एक लाख व तीसरी में पचास हजार रुपए शासन द्वारा हितग्राही को आवास के लिए दिए जाते हैं।

सिर्फ आवास योजना ही नहीं ईडब्ल्यूएस कानीपुरा स्थित मल्टी में हितग्राहियों ने अपने फ्लैट किराये पर देने की बात सामने आई। इसके बाद कुछ समय में शिकायत के आधार पर कुल 24 हितग्राहियों द्वारा निवास न करते हुए फ्लैट किराए पर देने के संबंध में पंचनामा तैयार कर सूचना पत्र जारी किए हैं। शहर के जिन 99 हितग्राहियों को नोटिस दिए थे, उनमें से बहुत कम लोगों ने भुगतान किया है। शासन द्वारा जारी सरेंडर की सूची अनुसार तहसीलदार द्वारा कुल 99 हितग्राहियों को सूचना पत्र जारी किए गए हैं और निश्चित समय दिया है, जिसमें अगर कोई हितग्राही भुगतान नहीं करता तो उसकी संपत्ति कुर्क भी की जा सकती है। सरेंडर सूची में शामिल 10 से 15 ऐसे हितग्राही भी शामिल हैं, जिन्होंने नोटिस मिलने के बाद निर्माण शुरू किया है। इस पर विभाग के अधिकारी का कहना है कि अगर निर्माण शुरू हो गया है तो उसके लिए भोपाल आवेदन भेज उसका सरेंडर कैंसिल करवा दिया जाएगा।

^निरीक्षण के बाद 99 हितग्राहियों को नोटिस भेजा है। सात दिन का समय दिया था, कुछ ने रुपए जमा कर दिए हैं, बाकी अब तहसीलदार स्तर पर नोटिस भेज वसूली की जा रही है। पीसी यादव, कार्यपालन यंत्री, प्रधानमंत्री आवास योजना

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