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निष्कपट भाव से भक्ति हो तो ईश्वर की कृपा मिलेगी


उज्जैन | भगवान श्रीकृष्ण ने मटकी फोड़ी, माखन खाया, पूतना राक्षसी का वध भी किया। हर मां चाहती है कि बच्चे अच्छों की संगत करें, ऐसे की संगत में न पड़ जाएं, जो बुरी आदत सिखा दें। हमारी वाणी व्यवहार संयम हो, भक्ति को दिखाना नहीं, भक्ति को जीवन में उतारना है। यदि भक्ति बगुला भ​िक्त​ जैसी होगी तो कल्याण नहीं होगा। भक्ति निर्मल साफ सुथरी व निष्कपट भाव से हो तो ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी।

हनुमान मंदिर परिसर भगतसिंह मार्ग कृष्णा पैलेस के सामने चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद गिरि महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की कथा सुनाते हुए यह बात कही। कथा के मुख्य यजमान राजेश चौहान, दीपचंद्र चौहान, रामसिंह चौहान, रवि चौहान आदि ने भक्तों के साथ धूमधाम से श्रीकृष्ण बाल लीलाओं का आनंद भावविभोर होकर नाचते हुए उठाया। कथा की आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।

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