सब्जियों के दाम से बिगड़ रहा रसोई का बजट, बारिश में भी मंहगी बिकी सभी सब्जियां
उज्जैन - आमतौर पर बारिश के दिनों में सब्जियों के दाम ज्यादा नहीं होते, जिससे आमजन भी सीजन की सब्जियों को आसानी से खरीद लेते हैं। लेकिन इस बार बारिश के दिनों में सब्जियों के दाम इतने ज्यादा रहे कि आमजन की रसोई का बजट बिगड़ा रहा। खासकर आलू और प्याज के दामों में जो तेजी बारिश के पहले से आई थी, वह अब तक बरकरार है। जबकि माना जाता है कि बारिश ज्यादा होने पर सब्जियों के दामों में गिरावट आती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। अच्छी बारिश के बावजूद सब्जियां महंगी बिकीं। सब्जी विक्रेता इसकी वजह आवक में कमी बताते रहे। ऐसे में महंगाई का बोझ बढ़ता गया। बारिश में सबसे ज्यादा मिलने वाला कद्दू भी पूरे सीजन इठलाता रहा और इसके दाम 50 से 60 रूपए प्रति किलो बने रहे। बालोर 80-100 रुपए, ग्वार फली 80-100, तुरई 60-80, गिलकी 60-80, लौकी 50-60, परवंल 80-100, पत्ता गोभी 50-60, करेला 50-60, बैंगन 40-50, भिंडी 30-40, खीरा 40 -50 रुपए किलो, गोभी फूल 40-50 रूपए प्रतिनग बिका। महंगाई के तड़के के चलते आम आदमी की जेब पर खर्च का भार बड़ा, जिससे किचन का बजट भी गड़बड़ता रहा।
चटनी खाना भी हुआ दूबर
कई बार गरीब तबका चटनी रोटी खाकर भी गुजारा कर लेता है, लेकिन इस बार की मंहगाई ने गरीबों से मुंह से चटनी भी दूर कर दी। चटनी में सबसे ज्यादा जरूरी हरा धनिया 150 से 200 रूपए प्रति किलो तक बिका। हरी मिर्च के दाम भी 80-100 रूपए तक बने रहे। लहसुन तो 250 रूपए प्रति किलो से अधिक के दाम पर अब भी बिक रही है। बीच बीच में टमाटर भी 100 रूपए तक बिक गया। अभी टमाटर के दाम 50-60 रूपए किलो चल रहे हैं।