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किसान 6000 के भाव पर अड़े, महारैली का फैसला नहीं बदलेगा


मध्यप्रदेश सरकार के सोयाबीन के समर्थन दाम 4892 रुपए प्रति क्विंटल के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने तुरंत मुहर लगा दी है लेकिन भारतीय किसान संघ अभी भी 6000 रुपए के भाव के लिए अड़े हुए हैं। मामले में किसानों का कहना है कि ऐसे प्रस्ताव पर मुहर लगाई है तो 16 सितंबर को निकलने वाली महारैली का फैसला नहीं बदला जाएगा।

भाकिसं के प्रदेश अध्यक्ष कमलसिंह आंजना ने बताया किसानों के हक में सरकार फैसला लेकर 6000 रुपए के भाव पर सहमति दें। उन्होंने कहा हमारा आंदोलन प्रदेशभर के साथ उज्जैन संभाग के जिला, तहसील और गांव में चलाया जा रहा है। इसी क्रम में उज्जैन में 16 सितंबर को ट्रैक्टर महा रैली हरिफाटक से कलेक्टर कार्यालय पहुुंचेगी। यहां 6000 रुपए के भाव के साथ कृषि उपज मंडियों में पर्याप्त सुविधा, साफ-सफाई, प्रकाश के साथ सक्षम अधिकारी-कर्मचारी से उपज की नीलामी करवाने का अनुरोध किया जाएगा।

उन्होंने कहा प्रदेश के सभी किसान नेता और किसानों का अपार समर्थन मिल रहा है। सालों बाद एक बड़ा आंदोलन इस समय किसान अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। सरकार की भाव वृद्धि के फैसले से सोयाबीन कारोबारी और प्लांट में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है। इधर, मंडी के वरिष्ठ व्यापारी गोविंद खंडेलवाल ने बताया किसानों को सोयाबीन के ऊंचे दाम देना है तो इंपोर्ट सीड्स पर प्रतिबंध जीरो ड्यूटी को 30 प्रतिशत किया जाए। गत वर्ष विदेश से 12 लाख टन सोयाबीन आई डीओसी पर राशि शुरू करें। तेल की आयात ड्यूटी बढ़ाए तो किसान को ऊंचे भाव देने में सुविधा होगी।

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