शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर लक्ष्मीनगर में अभिषेक शांतिधारा, दस लक्षण धर्म की पूजा, प्रवचन हुए
शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर लक्ष्मी नगर में क्षमाश्री माताजी एवं सुखदमति माताजी के सान्निध्य में ध्यान की कक्षा में कई लोग सम्मिलित हुए।
जानकारी देते हुए समाज सचिव सचिन कासलीवाल एवं मंदिर सचिव सुशील लुहाडिया ने बताया माताजी के सान्निध्य में सुबह से ही श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा, दस लक्षण धर्म की पूजा, प्रवचन, आहारचार्य, दोपहर में तत्व चर्चा, शाम को ध्यान शिविर, श्रीजी की आरती, आचार्यश्री की आरती की गई। माताजी ने प्रवचन में कहा पर्यूषण का दूसरा दिन आज हो गया है। सभी को अपने गुस्से पर नियंत्रण करने के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है।
भगवान महावीर के उपदेशों को हमें हमेशा अंगीकार करना है और अपने जीवन में उतरना है। तपोभूमि में श्रावक संयम साधना शिविर में ब्रह्मचारिणी बहन प्रभा दीदी ने प्रवचन में कहा कि सूरज हमें सुबह उठकर प्रकाश देने आता है। अगर हम चाहें तो इस पर्यूषण पर्व में सूरज की ही तरह ज्ञान का प्रकाश ले सकते हैं। इसके लिए हमें हमारे नेत्र चक्षु रूपी दरवाजों को खोलना पड़ेगा। शांतिधारा करने का लाभ अशोक जैन चायवाला परिवार को मिला।
धर्म प्रत्येक व्यक्ति के मन में होना चाहिए: शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में कीर्तिश्री माताजी के सान्निध्य में 10 लक्षण धर्म मनाया जा रहा है। माताजी ने सोमवार को प्रवचन में कहा कि धर्म प्रत्येक व्यक्ति के मन में होना चाहिए। मन से करा हुआ धर्म ही धर्म कहलाता है। एकमात्र मनुष्य ही ऐसा व्यक्ति है जो धर्म कर सकता है। इस अवसर पर इंद्रचंद्र जैन, हीरालाल बिलाला, ललित जैन आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।