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स्मार्ट सिटी के 16 कार्यों में एक भी फाइनल नहीं, रैकिंग बिगड़ी तो ग्रांट पर होगा असर


स्मार्ट सिटी के तहत करवाए गए कार्यों में से 16 से ज्यादा कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जिसमें नीलकंठ वन, महाकाल द्वार रेस्टोरेशन, महाराजवाडा स्कूल रेस्टोरेशन, नूतन स्कूल, गणेश स्कूल, अटल उद्यान, मन्नत गार्डन पार्किंग, महाराजवाडा मल्टी लेवल पार्किंग, मयूर वन से लेकर बेगम बाग रोड तक कार्य शामिल हैं।

इनमें स्मार्ट सिटी के इंजीनियर्स की लापरवाही व लेटलतीफी के चलते दो से तीन साल बाद भी एक भी काम फाइनल नहीं हो पाए हैं। यानी कार्यों की फाइनल रिपोर्ट नहीं बनाई जा रही है। इंजीनियर्स की लापरवाही व लेटलतीफी का खामियाजा प्रोजेक्ट्स को भुगतना पड़ तो पड़ रही हैं।

इसका सीधा असर स्मार्ट सिटी के कार्यों की पूर्णता के आधार पर मिलने वाली रैंकिंग पर पड़ेगा। इसमें रैंकिंग तो प्रभावित होगी ही आने वाले समय में उज्जैन को ग्रांट नहीं मिल पाएगी या अटक सकती है, जिससे स्मार्ट सिटी के अधीन आगे किए जाने वाले कार्यों पर असर पड़ेगा। स्मार्ट सिटी के कार्यों की प्रोग्रेस के आधार पर ही रैंकिंग और आगे मिलने वाली ग्रांट तय होती है। कार्य पूर्ण होने के बावजूद उन्हें फाइनल नहीं किए जाने का असर रैंकिंग से लेकर मिलने वाली ग्रांट पर पड़ सकता है।

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