कथावाचक प्रदीप मिश्रा बोले-:शाही नहीं सनातनी शब्द का उपयोग करें
भादौ में निकलने वाली महाकाल की अंतिम सवारी को शाही कहने पर छिड़ी बहस लगातार जारी है। रविवार को उज्जैन पहुंचे कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शाही की जगह सनातनी शब्द लाएं तो आनंद आएगा। इसके पहले अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंडलेश्वरों ने शाही को उर्दू और इस्लामिक शब्द बताया था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने कुंभ के शाही स्नान में से शाही शब्द हटाने की शुुरुआत प्रयागराज से करने की बात कह दी थी। उल्लेखनीय है कि पं. प्रदीप मिश्रा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए उज्जैन गए थे।
महाकाल के पुजारी बोले-
गुलामी दूर करना है तो मस्जिदों और इमामबाड़ों पर बोलें...
इसके विपरीत महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी ने कहा कि महामंडलेश्वरों और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को ज्ञान नहीं है। शाही शब्द पर फैलाया जा रहा भ्रम शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद दूर कर चुके हैं। महाकाल की सवारी शाही सवारी के रूप में ही निकलेगी। इसी रूप में इसे माना जाना चाहिए। महेश पुजारी ने कहा कि ‘यदि देश की व्यवस्था को हम गुलामी से दूर करना चाहते हैं तो महामंडलेश्वरों और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को आगरा में बने किले, देश की बड़ी शाही मस्जिदें, शाही इमामबाड़े इन सभी की गुलामी को दूर कराने के लिए बोलना चाहिए।’