लीज नवीनीकरण:निगमायुक्त के हस्ताक्षर न होने से अटके 50 से ज्यादा आवेदन
नगर निगम का कोई भी अधूरा काम हो, उसका न होने का कारण निगम के पास भुगतान न होना बताया जाता है। एक तरफ जहां कई ठेकेदारों को भुगतान पूरा नहीं हो पा रहा। भाजपा हो या कांग्रेस सभी पार्षद अपने वार्डों में काम नहीं होने की शिकायत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अधिकारी निगम की आय के रास्ते खुद बंद कर रहे हैं।
बड़ी संख्या में निगम की संपत्ति लीज पर दी हुई है लेकिन समय निकलने के बाद भी उस संपत्ति की लीज का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा, जिस कार्य को सख्ती से कर निगम अच्छी खासी राशि अर्जित कर सकता है, लेकिन वो न करते हुए हर कार्य के लिए शासन या केंद्र से आए हुए बजट पर मोहताज रहना उचित समझा जाता है।
वर्तमान में लीज नवीनीकरण, संपत्ति के नामांतरण के लिए 50 से ज्यादा आवेदन लंबित है, इनमें से कुछ आवेदन 2015 से विभाग के पास जमा है। इन पूरे मामलों के निपटने से निगम को लगभग 1 करोड़ की आय हो सकती है। कई आवेदकों का कहना है उनके पास सभी कागजात हैं और उपायुक्त के हस्ताक्षर भी हो गए हैं लेकिन आयुक्त के हस्ताक्षर नहीं होने से महीनों से काम अटका है। मामले में निगमायुक्त आशीष पाठक से चर्चा करना चाही लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
एमआईसी ने लंबित प्रकरणों के मामलों में मांगा जबाव
लीज नवीनीकरण को लेकर लगातार आ रही शिकायतों के बाद एमआईसी सदस्यों ने मंगलवार काे माल विभाग में जाकर अधिकारियों से लंबित प्रकरण की सूची मांगी, जिसमें 50 से भी ज्यादा प्रकरण निकले। सभी प्रकरणों के आवेदनों पर अधिकांश कार्यवाही हो गई है। बस आयुक्त के हस्ताक्षर होना बाकी है। इस पर सदस्यों ने अधिकारियों से जल्द प्रकरण हल करने के लिए कहा। इनमें से कुछ 2015 व अधिकांश कोरोना से पहले के हैं। अधिकारियों ने बताया कि तुरंत प्रकरणों की फाइल जांच कर मामला कहां अटका है, उसका पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।
. अशोकनगर स्थित सत्यनारायण मंदिर की भूमि का लीज नवीनीकरण कराना था, 2022 में आवेदन दिया था। निगम अधिकारियों को कई बार कहा लेकिन अब तक काम नहीं हुआ। समिति का काम है, सब सही रहे, इसलिए लीज का काम होना जरूरी है। सभी कागजात दिए हुए हैं, बस आयुक्त के हस्ताक्षर होना है। - नीलेश बिलोदिया, अध्यक्ष मालवीय रजक समाज .
जूना सोमवारिया में मेरी भूमि है। बहुत समय पहले जानकारी नहीं होने के कारण निगम कर्मचारी ने ये भूमि का आधा भाग बेचा था। फिर जब नियमों के बारे में पता चला तो जैसे तैसे रुपए जोड़कर भूमि का पूरा हिस्सा लिया। भूमि अभी उसी व्यक्ति के नाम हैं, इसलिए भूमि का नामांतरण जरूरी है। 2020 से आवेदन दिया है। -भागचंद्र खत्री .
जूना सोमवारिया स्थित नगर निगम कॉलोनी में मेरा आवासीय प्लॉट है। 2 साल से ज्यादा समय हो गए प्लॉट के नामांतरण के लिए आवेदन दिए हुए। मैंने जिससे खरीदा था, उसी के नाम पर अभी जमीन है। अब मुझे प्लॉट पर आवास बनाना है लेकिन कई चक्कर लगाने के बाद भी अधिकारी हस्ताक्षर नहीं कर रहे। -मनाबाई, पूर्व पार्षद
^लीज नवीनीकरण, नामांतरण एक प्रक्रिया के तहत होते हैं। सभी आवेदनों से जुड़ी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, केवल हस्ताक्षर बाकी है। आयुक्त अभी व्यस्त थे। जल्द ही प्रकरण समाप्त कर दिए जाएंगे। -प्रेमकुमार सुमन, उपायुक्त