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भारत तिब्बत समन्वय संघ की दो दिवसीय चिंतन बैठक में तिब्बत की स्वतंत्रता एवं श्री कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का लिया गया संकल्प


उज्जैन- भारत तिब्बत समन्वय संघ की दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन बैठक इंदौर में संपन्न हुई। बैठक में देश के 28 प्रांतो के प्रतिनिधियों ने जहां सहभागिता की वही प्रस्ताव भी  सर्वानुमति से पारित हुए एवं तिब्बत की स्वतंत्रता एवं भगवान श्री कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए सभी ने संकल्प भी लिया।
         यह जानकारी देते हुए भारत तिब्बत समन्वय संघ के जिला अध्यक्ष श्री मयूर अग्रवाल,महामंत्री श्री राजेश व्यास, युवा प्रभाग प्रांत अध्यक्ष श्री आशुतोष मीणा ने बताया कि राष्ट्रीय चिंतन बैठक का उद्घाटन  इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. मुकेश मोड, भारत तिब्बत समन्वय संघ के केंद्रीय संयोजक श्री हेमेंद्र प्रताप सिंह तोमर, मां अहिल्याबाई की 13वीं पीढ़ी के वंशज श्रीमंत सरदार उदय सिंह राव होलकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री प्रकाश रत्नापारखी एवं प्रांत अध्यक्ष शिवेंद्र तिवारी की उपस्थिति में हुआ। सांसद श्री लालवानी ने इस अवसर पर कहा कि तिब्बत की स्वतंत्रता एवं भगवान शंकर के मूल स्थान श्री कैलाश मानसरोवर को लेकर भारत सरकार के समक्ष में बीटीएसएस की आवाज को पूरी ताकत के साथ उठाऊंगा। डॉ. मौड ने कहा कि भारत तिब्बत समन्वय संघ का यह प्रयास शीघ्र ही अपने उद्देश्य पर पूरा होगा यह हम सब आपके प्रयासों को देखते हुए विश्वास कर सकते हैं।
   श्री अग्रवाल श्री व्यास व श्री मीणा ने आगे बताया कि द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय टोली के सदस्य श्री हुकुमचंद सावला ने समान नागरिक संहिता को लेकर तथ्यों के साथ अपनी बात रखी ।वहीं अतिथि के रूप में उज्जैन के महापौर श्री मुकेश टटवाल,इंदौर के महापौर श्री पुष्पमित्र भार्गव भी उपस्थित थे। यहां श्री टटवाल ने ओजस्वी वक्तव्य के साथ उपस्थित देश के अलग-अलग स्थान से आए हुए प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी बात रखी। इस सत्र में अतिथियों का परिचय भारत तिब्बत समन्वय संघ  मालवा प्रांत अध्यक्ष श्री शिवेंद्र तिवारी ने दिया। तथा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  श्री  रतनपरखी ने कैलाश मानसरोवर मुक्ति हेतु सावन माह में प्रारंभ किए जाने वाले महा संकल्प अभियान के विषय में विस्तार से कार्ययोजना देश के अलग-अलग प्रांत से आए प्रतिनिधियों के समक्ष रखी और महा संकल्प अभियान को जन आंदोलन बनाए जाने का आह्वान किया।
     श्री अग्रवाल श्री व्यास श्री मीणा ने बताया कि चिंतन बैठक के द्वितीय दिवस सभी प्रतिनिधियों ने इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा चौक पर जनजागरण रैली निकाली एवं मां अहिल्याबाई के 300 वी जयंती वर्ष के मौके पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर माल्यार्पण किया। यहां सभी उपस्थित प्रतिनिधियों ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार, भारत तिब्बत की मित्रता,श्री कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के नारे लिखी तख्तीयो के साथ जमकर नारेबाजी कर संकल्प लिया । चिंतन बैठक के चतुर्थ सत्र में केंद्रीय संयोजक श्री हेमेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने संगठनात्मक व्रत लेकर संगठन विस्तार की कार्य योजना पर प्रकाश डाला। समापन सत्र के मुख्य वक्ता पूर्व सांसद व आलोट के विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय ने विस्तार के साथ अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का चीन प्रेम ना होता तो आज तिब्बत स्वतंत्र राष्ट्र होता उनकी गलत नीतियों का परिणाम है कि आज कैलाश मानसरोवर की मुक्ति और तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए हम आप सभी को प्रयास करना पड़ रहे हैं।आपने कहा कि तिब्बत स्वाभाविक रूप से हमारा घनिष्ठ मित्र है वहां की सभ्यता संस्कृति सभी हमारी संस्कृति और सभ्यता से मेल खाती है। इस सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री कुकरेती जी दिल्ली ने की एवं इस मौके पर महाकाल मंदिर के पुजारी पं. महेश पुजारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अतिथियों का स्वागत संघ के प्रांत महामंत्री निर्माण सोलंकी प्रिंसिपल टोंगिया मनोज जोशी राजाभाऊ भदाने,अनीता कटारिया, मयूर अग्रवाल, आशुतोष मीना, राजेश व्यास, श्रीमती आरती जयसवाल, अवधेश जायसवाल, रचना विजयवर्गीय, शोभा गोस्वामी, संजय दुबे ,मुकेश धाकड़, देवेन्द्र सोनोने, अशोक राठौर सहित अन्य पदाधिकारियों ने किया। पूरी बैठक का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री राजो मालवीय ने किया। व अंत में आभार मालवा प्रांत अध्यक्ष श्री शिवेंद्र तिवारी ने व्यक्त किया।

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