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फ्रीगंज में तीन घंटे तक बंद रहेगी बिजली


उज्जैन प्राइवेट अस्पतालों की गैरजिम्मेदारी की सजा अब बच्चों और परिवार को भुगतना पड़ रही है। प्राइवेट अस्पतालों को उनके यहां जन्मे बच्चों की जानकारी ऑफलाइन और ऑनलाइन रूप में जमा करना होती है लेकिन अस्पतालों द्वारा यह नहीं करने से 2015 के बाद के जन्मे हजारों बच्चों का डाटा पोर्टल पर नहीं मिल पा रहा। इस कारण उन बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा। अभी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन का समय चल रहा है। ऐसे में अभिभावक रोज नगर निगम का चक्कर काट रहे हैं लेकिन अस्पतालों द्वारा जिन बच्चों का डाटा ऑनलाइन नहीं किया गया, उनके जन्म की जानकारी ही नहीं मिल पा रही।

शहर के 90 प्रतिशत अस्पतालों ने 2015 से अभी तक जन्मे बच्चों का ऑनलाइन डाटा पूरा नहीं डाला व 65 से 70 प्रतिशत अस्पतालों ने आधा-अधूरा डाटा जमा किया है। इसके चलते शहर के करीब 30 अस्पतालों को निगम ने पिछले 6 महीने में तीन बार नोटिस भी दिया है लेकिन अस्पतालों ने अपनी जिम्मेदारी अब तक नहीं समझी। इसका प्रभाव बच्चों के एडमिशन, कई सरकारी योजनों के लाभ जैसे जरूरी काम पर पड़ रहा है। 2015 तक ऑफलाइन बन जाते थे जन्म प्रमाण पत्र 2015 से पहले तक अस्पताल बच्चे के जन्म के बाद उसकी जानकारी अपने रजिस्टर में लिख लेते थे और उस बच्चे का अनुक्रम नंबर ही उसका रजिस्ट्रेशन नंबर बन जाता था। यह रजिस्टर नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में जाता था और वहां अधिकारी की स्वीकृति के बाद कर्मचारी उस बच्चे का उस अनुक्रम नंबर से ही प्रमाण पत्र जारी कर देते थे लेकिन 2015 के बाद यह व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई। इसके तहत अब अस्पतालों को अपने रजिस्टर में बच्चे की जानकारी लिखने के साथ ही ऑनलाइन पोर्टल में भी बच्चे के जन्म के 21 दिनों के अंदर जानकारी डालनी होगी।

ऑनलाइन पोर्टल पर बच्चे की जानकारी डालते ही उसका रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट हो जाएगा जिससे उसके माता-पिता कभी भी उसका जन्म प्रमाण पत्र जारी करवा सकते हैं व इसके साथ ही करेक्शन भी आसानी से करवा सकते हैं। जुड़वां बेटियों को नहीं मिल रहा लाड़ली लक्ष्मी का लाभ मानसिंह चौहान के घर 30 अप्रैल 2024 में दो जुड़वां बेटियां का जन्म हुआ था, लेकिन अस्पताल वालों ने बेटियों का ऑनलाइन डाटा नहीं दिया, इसके चलते दोनों बच्चियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने में देरी हो रही है। मानसिंह एक महीने में करीब 5 से 6 बार निगम गए लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा। इसके साथ ही दिलीप शर्मा के बच्चे का जन्म 2021 में हुआ था, उसका भी डाटा नहीं मिल रहा। बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाना है लेकिन जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन रहा। रोजाना ऐसे 50 से ज्यादा माता-पिता आते हैं जो जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से परेशान हैं।

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