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शिप्रा में त्रिशूल योग:पानी में योग से जीवन में संतुलन का संदेश


शिप्रा ​ नदी में 16 फीट गहराई में 40 बच्चों ने 60 मिनट पानी में रहकर महाकाल के त्रिशूल की आकृति में खुद को ढाल कर योगा किया। तैराक विनोद चौऋषिया की मदद से बच्चों ने पानी में योगा करते हुए जीवन में संतुलन बनाने का भी संदेश दिया है। योग गुरु पंडित राधेश्याम मिश्रा ने कहा कि यह प्लावनी प्राणायाम है, जो योग की एक श्वास तकनीक के साथ पानी में फ्लोट करते हुए होता है। प्लावनी शब्द संस्कृत से आया है और इसका अर्थ है तैरता हुआ शरीर।

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