आज नहीं छोड़ा परछाई ने साथ
उज्जैन कर्क रेखा के नजदीक स्थित होने के कारण 21 जून को स्थानीय समय दोपहर 12 बजे (भारतीय मानक समय 12 बजकर 28 मिनट) पर सूर्य, कर्क रेखा पर लंबवत होता है, जिससे कुछ समय के लिए परछाई शून्य हो जाती है। इस घटना को "शून्य छाया दिवस" कहा जाता है। हालांकि, इस वर्ष उज्जैन में मौसम खराब होने के कारण लोग इस घटना को प्रत्यक्ष रूप से नहीं देख पाए।
पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने के कारण सूर्य हमें कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच गति करता हुआ दिखाई देता है। इस वर्ष 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत हुआ। कर्क रेखा की स्थिति 23 अंश 26 कला 22 विकला उत्तरी अक्षांश पर है। इस दिन सूर्य की क्रांति भी 23 अंश 26 कला 22 विकला उत्तरी थी।
शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त के अनुसार, वेधशाला में इस खगोलीय घटना को शंकु यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा गया। 21 जून को सूर्य अपने अधिकतम उत्तरी बिंदु कर्क रेखा पर होता है, जिससे उत्तरी गोलार्द्ध में दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होती है। उज्जैन में 21 जून को सूर्योदय सुबह 5.42 बजे और सूर्यास्त 7.16 बजे हुआ, जिससे दिन 13 घंटे 34 मिनट और रात 10 घंटे 26 मिनट की रही। 21 जून के बाद सूर्य की गति दक्षिण की ओर होने लगती है, जिसे दक्षिणायन का प्रारंभ कहा जाता है। इसके बाद उत्तरी गोलार्द्ध में दिन धीरे-धीरे छोटे होने लगते हैं और 23 सितंबर को दिन-रात बराबर होते हैं।