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Home - उज्जैन << क्षेत्र विशेष आधारित फसलों की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काम करें खेती किसानी के सतत विकास के लिए बेस्ट प्रैक्टिस अपनाएं किसानों को संतुलित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएं आधी खेती और आधी बाढ़ी की तर्ज पर उधानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जाए कृषि उत्पादन आयुक्त ने की उज्जैन संभाग अंतर्गत रबी वर्ष 2023 -24 एवं खरीफ वर्ष 2024 की तैयारियों की समीक्षा

क्षेत्र विशेष आधारित फसलों की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काम करें खेती किसानी के सतत विकास के लिए बेस्ट प्रैक्टिस अपनाएं किसानों को संतुलित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएं आधी खेती और आधी बाढ़ी की तर्ज पर उधानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जाए कृषि उत्पादन आयुक्त ने की उज्जैन संभाग अंतर्गत रबी वर्ष 2023 -24 एवं खरीफ वर्ष 2024 की तैयारियों की समीक्षा


उज्जैन- अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एस एन मिश्रा ने कहा कि
मालवांचल में क्षेत्र विशेष आधारित फसलों की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काम करें। जिससे किसानों को
फायदा और उनकी आय भी बढ़ें। 15 दिवसीय अभियान चलाकर मालवांचल के लिए सबसे उपयुक्त फसलों
के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएं। खेती किसानी के सतत विकास के लिए बेस्ट प्रैक्टिस अपनाएं। हर
जिले में एक क्लस्टर निर्माण कर उसे कृषि उत्पादन की दृष्टि से आदर्श बनाएं। मंडियों को हाइटेक बनाएं। 
    कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मिश्रा ने बुधवार को प्रशासनिक संकुल भवन में उज्जैन संभाग अंतर्गत रबी
वर्ष 2023 -24 एवं खरीफ वर्ष 2024 की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में अवर मुख्य सचिव कृषि श्री
अशोक वर्णवाल , प्रमुख सचिव सहकारिता दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव उद्यानिकी, प्रमुख सचिव
पशुपालन एवं डेयरी, प्रमुख सचिव मत्स्य विभाग, संभागायुक्त उज्जैन संभाग श्री संजय गुप्ता आदि
अधिकारियों के साथ शासन स्तर के समस्त कृषि एवं इससे सम्बद्ध विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित
रहे। उज्जैन जिले के कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री
मृणाल मीना भी बैठक में उपस्थित रहे। इसके अलावा सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ भी
उपस्थित थे।
     अवर मुख्य सचिव कृषि श्री अशोक वर्णवाल ने कहा कि सोयाबीन की किस्म NRC 142, J S
2098  और RVS1135 को प्रमोट करें। इस किस्म की विशेषता है कि यह येलो मोजेक रोग के प्रभाव से
पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। किसानों को सोयाबीन पीली पड़ने की समस्या से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि
पटवारियों के माध्यम से क्रॉप रजिस्ट्रेशन समय पर पूरा किया जाएं। किसानों की ई केवाईसी और आधार
बैंक लिंकिंग शीघ्र पूर्ण कराएं। जिससे किसानों को पीएम किसान सम्मन निधि का सतत लाभ मिल सके।
   बैठक में खाद , बीज एवं कीटनाशक की उपलब्धता और वितरण की विस्तृत समीक्षा की गई। जिसमें
सभी कलेक्टर्स एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि मृदा की प्रकृति और
क्लाइमेट के आधार कर फसल के उपयोग को प्रोत्साहित करें। जिसमें फसल की प्रकृति के आधार पर
संतुलित मात्रा में खाद के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए।

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