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दूसरा मीटर लगवाना हो तो कनेक्शन से तीन गुना रजिस्टर्ड किरायानामा की राशि चुकाना पड़ रही


बिजली के डबल कनेक्शन में रजिस्टर्ड किरायानामा का पेंच आ गया है। इसमें एक ही मकान में रहने वाले पिता-पुत्र या मां-बेटे के बीच में प्रॉपर्टी का बंटवारा होने पर दूसरा मीटर लगवाना हो या किराएदार के लिए दूसरा कनेक्शन लेना हो, इसके लिए बिजली कंपनी के पूर्व शहर संभाग व पश्चिम शहर संभाग की ओर से रजिस्टर्ड किरायानामा अनिवार्य किया है।

उपभोक्ताओं को नए मीटर कनेक्शन से तीन गुना तक राशि खर्च करना पड़ रही है, क्योंकि उपपंजीयक कार्यालय में किरायानामा रजिस्टर्ड करवाना महंगा पड़ रहा है। इसमें मकान के बाजार मूल्य की 5 प्रतिशत तक स्टाम्प ड्यूटी चुकाना पड़ती है, जो कि लोगों को करीब 15 हजार रुपए तक का खर्च आ रहा है और नए बिजली कनेक्शन में दो किलोवाट तक के कनेक्शन के 4601 रुपए लग रहे हैं।

ऐसे में लोगों को नया कनेक्शन लेने की प्रक्रिया महंगी पड़ रही है। नोटरी पर किरायानामा को बिजली कंपनी के जोन कार्यालयों पर स्वीकार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में लोग नए मीटर कनेक्शन से वंचित हो रहे हैं। ऋषिनगर में रहने वाले प्रतीक और उसके पिता हरनामसिंह के बीच में डबल कनेक्शन लेना है, जो कि रजिस्टर्ड किरायानामे की वजह से महाश्वेतानगर जोन पर पेंडिंग पड़ा है।

कंपनी की गाइडलाइन है

मकान की कीमत की 5 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी उपपंजीयक कार्यालय में किरायानामा रजिस्टर्ड करवाने के लिए मकान, दुकान या बिल्डिंग की डीएलसी रेट या बाजार मूल्य की 5 प्रतिशत तक स्टाम्प ड्यूटी चुकाना पड़ती है। इसमें लोगों को करीब 15 हजार रुपए तक का खर्च आ रहा है।

परिवार के बीच में आपसी बंटवारे के आधार पर नया कनेक्शन लेने वालों के लिए बिजली कंपनी की ओर से गाइड लाइन दी है, जिसके तहत अलग समग्र आईडी, किचन व गैस कनेक्शन भी अलग होना चाहिए और किराएदार के लिए वैध किरायानामा ही देना होगा। इस आधार पर दूसरा बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।

जयेंद्र ठाकुर, ईई, बिजली कंपनी

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