गणेश जिनिंग के 6 मकानों पर कार्रवाई, 15 की मोहलत दी और 2 दिन में ही तोड़ दिए घर
हीरा मिल रोड स्थित वार्ड 18 के गणेश जिनिंग के 6 घरों पर प्रशासन ने रविवार को कार्रवाई करते हुए 6 भवनों को तोड़ा। इससे पहले एक कार्रवाई शुक्रवार को की गई थी, जिसमें केवल कारखानों और दुकानों को तोड़ा था और घर वासियों को मकान खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था लेकिन रविवार सुबह अधिकारी कार्रवाई के लिए पहुंच गए व यहां बसे लोगों को शाम 4 बजे तक घर खाली करने के निर्देश दे दिए। इस बीच कई लोग अपना सामान घर से नहीं निकाल पाए व रहने तक की व्यवस्था नहीं कर पाए।
प्रशासन ने शाम को 15 में से 6 मकानों पर कार्रवाई करते हुए तोड़ दिया। इनमें से कुछ लोगों को अपने रिश्तेदारों के घर आसरा लेना पड़ा व कुछ के लिए महाकाल परिसर में रुकने के लिए कमरे दिए गए। 15 में से कार्रवाई से बचे बाकी 7 मकान और 2 कारखाने कोर्ट से स्टे लेकर आ गए थे। इन 6 परिवारों का कहना है कि हम कारखाने में काम करते हैं, रोज लाकर खाने वाले लोग हैं, हमारे पास कोर्ट जाने जितने रुपए नहीं है।
मकान तोड़े जाने पर यहां सालों से रहने वाले धीरज चौहान ने कहा कि मेरा परिवार यहां 1943 के पहले से रह रहा है। मेरे पास रसीदें रखी हुई हैं। घर खाली करने का हमें 15 दिन का समय दिया था लेकिन दो दिन में ही अधिकारियों ने घर तोड़ दिए। मेरा घर मेरे सामने तोड़ दिया गया, मेरी जमा पूंजी एक बार में इन लोगों ने ही खत्म कर दी। धीरज की मां ने बताया कि मैं किराने का सामान भी पूरा नहीं निकाल पाई, दो थैली अनाज मिट्टी में मिल गई। आज बेटी के ससुराल में रुकने के लिए जगह लेना पड़ा।
मैं बस इतना कहूंगी, हमें कोई खाली जगह दे दी जाए, हम पॉलीथिन लगाकर रह लेंगे लेकिन कब तक ऐसे रिश्तेदारों के घर रहेंगे। धीरज ने बताया कि उनके पड़ोसी बहुत गरीब है, उनके घर में एक पंखा था, वह भी कार्रवाई में टूट गया, अब गर्मी में वे कैसे रहेंगे भगवान जानता है। हमें सालों लगे घर बसाने में प्रशासन ने एक झटके में ऐन बारिश में सब तोड़कर चकनाचूर कर दिया।
नियमों के अनुसार की जाएगी व्यवस्था कुछ मकानों पर कार्रवाई की गई है, जिनके पास स्टे हैं, उन मकानों पर कार्रवाई नहीं हुई है। अभी लोगों को रुकने के लिए कुछ कमरे दिए गए हैं। नियमों के अनुसार जो हो सकेगा, उसके अनुसार आगे इन परिवारों के लिए व्यवस्था की जाएगी। नीरजकुमार सिंह, कलेक्टर बेघर लोगों को जल्द रहने की जगह मिले यह लोग कई सालों से यहां अपना घर बनाकर रह रहे हैं। अब यह लोग बेघर हो गए हैं। सभी कारखानों में काम करने वाले हैं। इनके पास इतने रुपए नहीं कि अपने रहने की व्यवस्था कर पाए। मैं प्रशासन से बस इतना कहना चाहता हूं कि इन्हें रहने के लिए कोई जगह जल्द से जल्द से मुहैया करवाई जाए।
रवि राय, स्थानीय पार्षद