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Home - उज्जैन << जल की हर बूंद बचाना है, हर जलस्त्रोत को स्वच्छ और समृद्ध बनाना है आईये ‘जल गंगा संवर्धन’ अभियान से जुड़िये और जल स्त्रोतों के संरक्षण में अपना अहम योगदान दीजिये

जल की हर बूंद बचाना है, हर जलस्त्रोत को स्वच्छ और समृद्ध बनाना है आईये ‘जल गंगा संवर्धन’ अभियान से जुड़िये और जल स्त्रोतों के संरक्षण में अपना अहम योगदान दीजिये


उज्जैन- उज्जैन जिले में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ आगामी 16 जून तक चलाया

जाएगा। इसके तहत जिले के तालाबों, चेक डेम, स्टाप डेम, बावड़ियों व सार्वजनिक उपयोगी कूपों के
गहरीकरण और मरम्मत के लिए आवश्यक गतिविधियां जनसहयोग के माध्यम से निरन्तर आयोजित की
जा रही हैं। शुक्रवार 7 जून को अभियान के तहत नागदा में विधायक श्री तेजबहादुर सिंह चौहान के मुख्य
आतिथ्य में जल गंगा संवर्धन अभियान के अन्तर्गत कलश यात्रा निकाली गई, जो शहर के विभिन्न चौराहों
से होती हुई कृषि उपज मंडी में जाकर समाप्त हुई।
    यात्रा में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जल संरक्षण और जल स्त्रोतों के कायाकल्प पर जागरूकता
सन्देश नागरिकों को दिया गया। साथ ही आमजन से अपील की गई कि वे अधिक से अधिक संख्या में
जल गंगा संवर्धन अभियान से जुड़ें और उनके आसपास के पुराने जल स्त्रोतों के संरक्षण, जीर्णोद्धार और
साफ-सफाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
    गौरतलब है कि नागदा की कृषि उपज मंडी स्थित बावड़ी में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों,
कर्मचारियों और अधिकारियों ने संयुक्त रूप से श्रमदान कर बावड़ी की सफाई की। कार्यक्रम की अध्यक्षता
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती संतोष ओपी गेहलोत ने की।
      नागदा के साथ-साथ बड़नगर में विधायक श्री जितेन्द्र सिंह पण्ड्या ने बड़नगर की ग्राम पंचायत
सलवा में स्थित पुरानी बावड़ी के सफाई कार्यक्रम में श्रमदान किया। इसके अतिरिक्त श्री पण्ड्या द्वारा
स्वच्छता अभियान के तहत गांव के बड़े नाले की साफ-सफाई, डाबरी गहरीकरण कार्यक्रम के साथ-साथ जल
संरक्षण कलश यात्रा और गांव में आयोजित जल संसद में भी भाग लिया गया, जिसमें जल संरक्षण से
सम्बन्धित नियम, पर्यावरण की स्वच्छता और वृक्षारोपण पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
     उल्लेखनीय है कि जिले में जल स्त्रोतों जैसे- पुरानी बावड़ी, कुओं, तालाबों के जीर्णोद्धार और साफ-
सफाई ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत उत्साहपूर्वक की जा रही है, जिसमें स्थानीय नागरिक भी काफी
संख्या में शामिल हो रहे हैं। साथ ही अपने आसपास के जल स्त्रोतों के संरक्षण के प्रति जागरूक भी हो रहे
हैं।

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