बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों का दर्द:शिप्रा के घाटों पर सुविधा और न सुरक्षा
शिप्रा नदी के घाटों पर सुविधा के साथ सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। यहां स्नान को आने वाले तीर्थ यात्रियों का सामान घाट पर सुरक्षित नहीं है। मौका पाकर बदमाश व नशेड़ी सामान गायब कर रहे हैं। चोरी के बाद नकदी व कीमती चीज निकालकर नदी में फेंक देते हैं। नदी से कई लोगों के एटीएम, डेबिट व क्रेडिट कार्ड निकल रहे हैं। यात्रियों का कहना है घाटों पर सुविधा व सुरक्षा के इंतजाम होना चाहिए, जो बेहद चिंता का विषय है।
नदी में सिक्के खोजने वाले तैराकों के हाथों में लोगों के एटीएम व डेबिट कार्ड आते हैं, जिन्हें वे रामघाट चौकी पर जमा कराते हैं। आए दिन लोगों का सामान गायब हो रहा है। तैराक, लाइफ गार्ड व स्थानीय पंडितों का कहना है घाट पर सुविधा व सुरक्षा दोनों जरूरी है। जिसे लेकर कई बार पुलिस-प्रशासन को अवगत करा चुके हैं। लाइफ गार्ड विनोद चौऋषिया ने कहा कि घाटों पर सुविधा व सुरक्षा के लिए स्थायी प्लानिंग हो। शासन की तरफ से अगर सुझाव मांगे जाते हैं तो तैराक सहयोग करेंगे।
घाटों पर वर्तमान में सुविधाघर भी एकमात्र
वर्तमान में शिप्रा नदी के मुख्य रामघाट पर ही एक मात्र सुविधाघर है। अन्य घाटों पर तीर्थ यात्री सुविधाघर खोजते हैं व परेशान होते हैं। दत्त अखाड़ा घाट पर तो ये भी नहीं है। वहीं चेंजिंग रूम भी टीनशेड वाले टूटे फूट रहे हैं। यहां स्थायी चेंजिंग रूम व लॉकर सुविधा की मांग की जा रही है। रामघाट चौकी के माध्यम से लाकर व्यवस्था का संचालन भी हो सकता है, जिसे लेकर ध्यान देने की जरूरत है। होमगार्ड कमांडेंट संतोषकुमार जाट ने बताया कि इस बारे में नगर निगम को पत्र लिखेंगे।
शिप्रा में जलस्तर कम-ज्यादा करने का ड्रामा चल रहा पर काई साफ नहीं कर पा रहे
शिप्रा नदी में दो तीन दिनों से जलस्तर घटाने, बढ़ाने का ड्रामा चल रहा है लेकिन काई की सफाई नहीं हो पा रही है। सोमवार को शिप्रा का जल स्तर छोटी रपट से तीन फीट कम कर दिया था व अगले दिन शाम को वापस जल स्तर बढ़ा दिया। इसके बाद बुधवार को वापस जल स्तर तीन फीट के लगभग कर दिया गया, जिससे घाटों की सीढ़ी व प्लेटफार्म पर काई की हरी चादर दिखने लगी। कई लाेग पैर रखते ही यहां फिसलकर गिर रहे थे, क्योंकि शिप्रा नदी के घाटों पर सफाई को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि शासन ने नमामि गंगे-नमामि शिप्रा योजना बनाई है।