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जोर शोर से चलाया जा रहा बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान


उज्जैन- कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान
उज्जैन नगर में पूर्ण दक्षता के साथ संचालित किया जा रहा है। रोकथाम हेतु जिला स्तरीय दल जिला बाल
संरक्षण इकाई, विशेष किशोर पुलिस इकाई, सम्बन्धित क्षेत्र की परियोजना अधिकारी तथा विकासखंड
स्तरीय दल का गठन परियोजना अधिकारी आईसीडीएस, सम्बन्धित सेक्टर सुपरवाइजर व आंगनवाडी
कार्यकर्ता को सम्मिलित कर किया गया है। विभाग द्वारा बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु संवेदनशील स्थलों
महाकाल, हरसिद्धि, तीन बत्ती चौराहा, नागझिरी, समुद्र मंथन चौराहा, चामुण्डा माता चौराहा, टॉवर, आगर
नाका, कोयला फाटक, चिंतामन जवासिया, डालडा ब्रिज/सिग्नल, शनि मंदिर, सिद्धवट, कालभैरव, रामघाट
आदि स्थलों पर होर्डिग्सं लगाए हैं। इनमें बाल भिक्षावृत्ति के बदलते स्वरूप, बालकों द्वारा तिलक लगाने
(महाकाल क्षेत्र) दुर्वा या पूजन सामग्री बेचने (चिंतामन आदि जगह), गाडियों के कांच साफ करने व चौराहे
पर सामग्री बेचने (महामृत्युंजय द्वार, नागझिरी आदि चौराहे व परिवहन प्वांइट) वाले से सामग्री न क्रय
करने, धनराशि न देने का आग्रह करते हुए “भिक्षा नहीं शिक्षा दें” संबंधी अपील की गई। जिला स्तरीय दल
द्वारा 20 मई से सतत रूप से नगर में बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान चलाया जा रहा है। जिला दल
द्वारा बालकों के निरीक्षण के साथ आस-पास दुकानदारो, जनमानस को बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम व बालकों
को धनराशि न देने, न उनसे कोई सामग्री क्रय करने की समझाईश देकर ”भिक्षा नहीं शिक्षा दें” का प्रचार
किया जा रहा है। जिला स्तरीय दल को निरीक्षण के दौरान मक्सी रोड पाइप फैक्ट्री चौराहे व आर.टी.ओ.
चौराहे पर बालकों को गोद में लेकर महिलाएं गाडियों के कांच पोछती पाई गई, जिन्हें समझाईश दी गई।
इस पर उनके द्वारा भविष्य में उक्त कृत्य नहीं करना बताया गया। जिला स्तरीय दल को अभियान के
दौरान चिंतामन जवासिया में चार बालक माता-पिता के साथ दूर्वा बेचते हुए पाये गये, जिन्हें समझाईश दी
गई। मंगलनाथ में एक बालक माता के साथ पाया गया, जिन्हें समझाईश दी गई। सिद्धवट में तीन बालक
माता के साथ पाये गये, जिन्हें समझाईश दी गई एवं धरमबल्डा बडनगर रोड पर जाकर पूरे डेरे वालों को
भी समझाईश दी गई। कालभैरव में दो बालिका पाई गई, जिन्हे उन्हेल चौराहा पारदी डेरा जाकर परिवार को
समझाईश दी गई। रामघाट में दो बालिका मां के साथ निवासित हो अध्ययनरत है, को समझाईश दी गई।
महाकाल में 6-7 बालक तिलक लगा रहे थे, जो टीम को देखकर भाग गये। एक बालिका जो तिलक लगा
रही थी, के पिता संतोष प्रसाद की दुकान संचालक है, को समझाईश दी गई कि भविष्य में उक्त कृत्य
करवाया तो कानूनी कार्यवाही की जायेगी। माला-फूल वालों को समझाईश दी गई।

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