महाकाल में 20 हजार लीटर पानी की खपत
श्री महाकालेश्वर मंदिर में देशभर से लाखों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंच रहे है। इधर नौतपा के चलते सुबह से ही सूरज के तीखे तेवर देखने को मिल रहे है। भीषण गर्मी में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को ठंडा आरओ का पानी उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी जुटे है। प्रतिदिन मंदिर में करीब 20 हजार लीटर पीने के पानी की खपत हो रही है। इसके अलावा छिड़काव के लिए लिया जाने वाला पानी अलग है। यह सारे जतन श्रद्धालुओं को भीषण गर्मी में राहत दिलाने के लिए किए जा रहे है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए तीन स्थानों पर और इसके अलावा सभामंडप, फैसेलिटी सेंटर, महाकाल लोक, निर्गम मार्ग में आरओ वाटर से जोड़कर ठंडे पानी के नल लगाए है। वहीं दर्शन मार्ग में आठ पाईंट पर वाटर केन रखने के अलावा प्याऊ लगाकर भी श्रद्धालुओं की प्यास बुझाई जा रही है। कारण है कि तेज गर्मी के दौर में दर्शनार्थियों को ठंडा पानी मिल जाए तो राहत मिल जाती है। इसके अलावा मंदिर में लाल पत्थर होने के कारण जल्दी गर्म हो जाते है। श्रद्धालुओं के पैर नही जले इसके लिए सुबह से शाम तक परिसर में कर्मचारियों के माध्यम से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। जिससे श्रद्धालु नंगे पैर परिसर के मंदिरों में दर्शन लाभ ले रहें है।
वाटर स्टोरेज टैंक को धूप से बचाने के उपाय
महाकाल मंदिर में तीन स्थानों पर आरओ वाटर प्लांट लगाए गए है। इन से जुड़ी पांच हजार लीटर की दो बड़ी टंकियों को धूप से बचाने के लिए थार्माकोल एंसुलेशन शीट से कव्हर किया गया है। जिससे बाहर की गर्मी का असर टंकियों पर नही हो। इसकेे अलावा टंकी में चिलिंग सिस्टम लगाया गया है। इसमें कॉपर की क्वाईल टंकी के अंदर पानी में डाली जाती है जिसे बाहर एसी से जोड़कर पानी को पूरी तरह ठंडा किया जाता है। टंकियों में स्टोर होने वाला चिल्ड वाटर अन्य टंकियों के माध्यम से पाईप लाईन से नलो तक पहुंचाया जा रहा है।
दान में मिले कूलरों से मिल रही है राहत
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों द्वारा कई तरह की सामग्री दान की जाती है। सहायक प्रशासक जूनवाल ने बताया कि कई दानदाता ने जब दान की इक्छा व्यक्त की तो उनसे जरूरत की सामग्री दान में ली गई है। इस बार महाकाल क्षेत्र का विस्तारीकरण होने से क्षेत्र बढ़ गया है। वहीें भीषण गर्मी में भी श्रद्धालुओं की संख्या कम नही हो रही है। ऐसे में दानदाताओं को बड़े कूलर दान करने की प्रेरणा दी गई। दान में प्राप्त करीब एक दर्जन से अधिक बड़े कूलर मंदिर में दर्शन मार्ग में श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत देने के काम आ रहे है।