स्वर्णगिरी पर्वत पर श्रीकृष्ण नंगे पैर सुदामा के साथ आए थे
उज्जैन | भगवान भाव के भूखे हैं। वह भाव देखकर दौड़े चले आते हैं। शबरी, सुदामा, विदुर यह सब कथा प्रसंग इनके उदाहरण हैं। इसी क्रम में स्वर्णगिरी पर्वत भी है। यहां भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्र सुदामा के साथ नंगे पैर आए थे। यह स्थान परम पावन व चैतन्य है। इस्कॉन से आए संतश्री ने प्रवचन में यह बात कही। उन्होंने कहा- यहां के वातावरण में ईश्वर की अनुभूति का आभास होता है। इसकी परिक्रमा मानसिक शांति को देने वाली है। महिदपुर तहसील के नारायणा धाम के निकट स्वर्णगिरी धाम में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष त्रिदंडी संन्यासी और गुरु भक्ति प्रेम स्वामी महाराज, इस्कॉन के पीआरओ राघव पंडित दास, प्रहलाद दास, प्रद्युम्न दास, कपिल प्रभु एवं कृष्णनाम प्रभु यहां आए। उन्होंने स्वर्णगिरी मुखारविंद का दुग्धाभिषेक, पूजा, महाआरती कर दूध-जलेबी का महाभोग लगाया। हरे राम, हरे कृष्ण संकीर्तन का जाप पर्वत क्षेत्र का भ्रमण कर किया।