शिक्षा विभाग ने जताई चिंता:विद्यार्थियों के आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र में त्रुटि न रहे
दस्तावेजों की छोटी-छोटी विसंगति जरूरत के समय बड़ी समस्या बन जाती है, जिसके कारण विद्यार्थी व उनके अभिभावकों समेत स्कूल को भी परेशान होना पड़ता है। शिक्षा विभाग ने इस पर चिंता जताई है। सभी निजी व सरकारी स्कूल के प्राचार्यों की अब जवाबदेही होगी कि वे पहली कक्षा से ही बच्चों के जन्म प्रमाण, जाति व आधार कार्ड तक को चैक करे कि उसमें किसी तरह की त्रुटि तो नहीं है, जिसके चलते बच्चे को बाद में परेशानी हो।
जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने ये स्पष्ट किया है कि सभी शासकीय व निजी स्कूल इस पर गंभीरता से ध्यान दें, क्योंकि ये अनदेखी बाद में छात्रवृत्ति समेत बच्चों की कई शैक्षणिक सुविधा में रोड़ा बनती है। प्रत्येक स्कूल ये जवाबदेही ठीक से निभाए। उनके यहां जितने भी बच्चे अध्ययनरत हैं, सभी के एक-एक दस्तावेज अपडेट होना चाहिए। बतौर उदाहरण कई बच्चों के आधार में नाम, सरनेम व जन्म तारीख मिसमैच रहती है, जिसके चलते इन्हें दुरुस्त कराने में कई दिन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
अगर पहली कक्षा से ही बच्चों के दस्तावेजों पर ध्यान दे दिया जाता है तो ये मान कर चलिए कि बच्चों को फिर जीवनभर कोई दिक्कत नहीं आएगी। जिला शिक्षा अधिकारी शर्मा ने बताया कि नए शिक्षा सत्र में बच्चों के दस्तावेजों पर काम होगा, इसके लिए स्कूल प्राचार्य समय निकालेंगे व सभी बच्चों के रिकाॅर्ड पूरी तरह से अपडेट व मेंटेन करवाएंगे।
सिर्फ बच्चे का बैंक खाता खुलवाने से काम नहीं चलेगा, उसे चालू भी रखना होगा
अब बच्चों के बैंक खाते भी अनिवार्य हो गए हैं। अभिभावक जीरो उनके राष्ट्रीयकृत बैंकों में खाते तो खुलवाते हैं लेकिन ये उसे मेंटेन रखने की अनदेखी कर देते हैं, जिसके चलते कई बच्चों के खाते कुछ महीनों बाद मृत हो जाते हैं, ये समस्या वर्तमान में सामने आ रही है, इसलिए अभिभावकों को ये ध्यान रखना होगा कि बच्चों के बैंक खातों में तीन महीने के भीतर कुछ न कुछ राशि जमा करते रहे, जिससे कि उनका खाता बंद नहीं हो सके।
अभिभावक भी दस्तावेजों को लेकर ये ध्यान रखें कि कहीं कोई गलत जानकारी तो नहीं
बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाते समय उसमें उसका पूरा नाम, सरनेम का ध्यान रखे। जानकारी भरते समय चैक कर ले। आधार कार्ड बनवाने के दौरान भी यहीं ध्यान देना है, उसमें बच्चे का नाम वही लिखवाए जो स्कूल व दस्तावेज में हो। जन्म तारीख में साल व महीने की गड़बड़ी हो जाती है, इसलिए जानकारी ठीक से भरे नहीं तो बाद में स्काॅलरशिप मिलने में अड़चन आती है। इसी तरह जाति प्रमाण पत्र भी डिजिटल होना चाहिए, ये भी पता होना चाहिए।