कांग्रेस व जनता का सवाल: चौड़ीकरण को लेकर एक ही शहर में दो कानून क्यों ?
चौड़ीकरण को लेकर एक ही शहर में दो कानून कैसे हो सकते हैं? केडी गेट-इमली तिराहा मार्ग चौड़ीकरण से पहले कमरी मार्ग का चौड़ीकरण किया गया था। तब न तो कोई धार्मिक स्थल हटाया गया न ही बेवजह भवनों की गैलरियां तोड़ी गई। मुख्यमंत्री भी तो धार्मिक स्थलों को नहीं हटाने का आश्वासन दे चुके हैं। जनता के घरों की गैलरियां बचाने के लिए ही उन्होंने सेंट्रल लाइट की घोषणा भी की थी। फिर प्रशासन और नगर निगम जनता को परेशान करने पर क्यों आमादा है?
कांग्रेस पदाधिकारी और क्षेत्र की जनता के इस सवाल पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मैं पूरे मामले को दिखाता हूं। आगे की कार्रवाई निगमायुक्त कर रहे हैं। दरअसल शनिवार को प्रशासन और नगर निगम के संयुक्त अमले द्वारा केडी गेट से इमली तिराहा के चौड़ीकरण वाले मार्ग में स्थित धार्मिक स्थलों पर मार्किंग की गई थी ताकि इन्हें हटाया जा सके। साथ ही यह भी प्रचारित किया जाने लगा कि कुछ भवनों की गैलरी भी तोड़ी जाएगी।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुकेश भाटी ने बताया कि इसी मुद्दे को लेकर प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कलेक्टर से मिलने पहुंचा था। प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से कहा कि चौड़ीकरण का कार्य पूरा हो जाए और जनता की भावनाएं भी आहत न हो और न उनका नुकसान हो, ऐसा कोई बीच का रास्ता निकाले। नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि अधिकारियों के रवैये से नागरिक भयभीत हैं और उनमें आक्रोश भी है। ज्ञापन देने के दौरान संगठन मंत्री अजय राठौर, ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष अभिषेक लाला, पार्षद ओमप्रकाश, पूर्व पार्षद राजेंद्र राठौड़, बबलू खींची आदि उपस्थित थे।
राय ने कहा कि ज्ञापन में हमने मांग की है कि प्रशासन जन भावनाओं एवं धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें। बावजूद इसके यदि धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की कार्रवाई हुई तो कांग्रेस जनता को साथ लेकर आंदोलन करेगी। चौड़ीकरण वाले इस मार्ग की समस्या का एक ही समाधान है। अभी जो बिजली के पोल नाली के उस पार घरों से सटाकर लगाए गए हैं उन्हें नाली के इस पर लगा दिया जाए (जैसा की कमरी मार्ग व बाकी सड़कों पर लगे हैं)। इससे चौड़ीकरण का कार्य भी पूरा हो जाएगा और न ही कोई तोड़फोड़ की जरूरत रहेगी। जनता भी शुरू से ही यह चाहती है।