किर्गिस्तान में हो रही हिंसा के बीच उज्जैन के 10 से ज्यादा स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं और वे बेहद डरे हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रेस्क्यू की गुहार लगाई है।
किर्गिस्तान में हो रही हिंसा के बीच उज्जैन के 10 से ज्यादा स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं और वे बेहद डरे हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रेस्क्यू की गुहार लगाई है।
घटना का विवरण
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक और आसपास के इलाकों में भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी स्टूडेंट्स को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है। हिंसा की घटनाओं में क्रिमिनल्स हॉस्टल में घुसकर छात्रों को मार रहे हैं।
उज्जैन के राज सोलंकी का बयान
राज सोलंकी, जो किर्गिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, ने बताया,"हमारी जान पर खतरा है। क्रिमिनल्स हॉस्टल में घुसकर मार रहे हैं। कोई सिक्योरिटी नहीं है, गेट लॉक कर और परदे लगाकर रखने को कहा जा रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि 3 से 4 पाकिस्तानी बच्चों का मर्डर भी हो चुका है। पीएम मोदी से रिक्वेस्ट है कि हमें जल्द यहां से निकालें।"
राज सोलंकी उज्जैन में अपने मामा डॉ. विजय बोड़ाना के पास रहते थे और एक साल पहले ही किर्गिस्तान में एमबीबीएस करने गए हैं।
अन्य छात्रों की स्थिति
उज्जैन के योगेश चौधरी और विवेक शर्मा भी किर्गिस्तान में फंसे हुए हैं। योगेश चौधरी, जो फोर्थ ईयर के छात्र हैं, के पिता डॉ. चैनसिंह चौधरी ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया तो वे दिल्ली जाकर विदेश मंत्री के सामने अपनी बात रखेंगे।
विवेक शर्मा, जो थर्ड ईयर के छात्र हैं, ने वीडियो कॉलिंग पर बताया,
"यहां हिंसा करने वालों में क्रूरता भरी हुई है। वह क्रूर तरीके से छात्रों के साथ मारपीट कर रहे हैं। हॉस्टल में हमें खाने-पीने और जरूरत के दूसरे सामान के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। खाना तक लेने के लिए हम बाहर नहीं निकल सकते हैं। बस हम सभी जल्द भारत वापस आना चाहते हैं।"
हिंसा का कारण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिश्केक में 13 मई को मिस्र और किर्गिज छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद स्थानीय किर्गिज छात्रों ने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के छात्रों को निशाने पर ले लिया।
छात्र सहायता की अपील
किर्गिस्तान में फंसे भारतीय छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द वहां से निकाला जाए। पाकिस्तान ने दो प्लेन भेजकर अपने छात्रों को निकाल लिया है, लेकिन भारतीय छात्रों को अभी तक मदद नहीं मिली है।
सरकार और संबंधित अधिकारियों से अपील है कि इस स्थिति में फंसे छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।