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दुकान लगाने के बदले अवैध रूप से पैसे वसूलने का मामला सामने आया है


उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाहर बड़ा गणेश मंदिर और घाटी के आसपास हार-फूल व प्रसादी की दुकान लगाने के बदले अवैध रूप से पैसे वसूलने का मामला सामने आया है। महापौर मुकेश टटवाल और एमआईसी सदस्यों ने इस गड़बड़ी का पर्दाफाश किया है, जिसमें निगम के गैंग से जुड़े लोग ही निगम के खजाने को नुकसान पहुँचा रहे हैं। दुकानदारों से रोजाना 500 से 1000 रुपये वसूले जा रहे हैं, और रुपए न देने पर उनका सामान जब्त कर लिया जाता है। इस अवैध वसूली में होमगार्ड के जवान भी शामिल हैं।

महापौर टटवाल ने राजस्व समिति प्रभारी रजत मेहता और लोक निर्माण एवं उद्यान समिति प्रभारी शिवेंद्र तिवारी के साथ महाकाल मंदिर क्षेत्र का दौरा किया। दुकानदारों ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया और निगम गैंग प्रभारी मोनू थनवार, लक्की कुरेशी, चंचल आदि के खिलाफ शिकायत की। होमगार्ड के जवानों द्वारा भी अवैध रूप से पैसे वसूलने की बात सामने आई।

महापौर ने इस मामले की जानकारी कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को दी, जिन्होंने जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। निगम गैंग द्वारा वसूला गया पैसा निगम के खजाने में नहीं पहुँच रहा है, जिससे बड़ा घोटाला उजागर होने की संभावना है। महापौर ने पारदर्शी व्यवस्था बनाने की मांग की है, जिससे दुकानदारों को अस्थाई अनुमति पत्र जारी कर मासिक राशि निर्धारित की जा सके।

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी और होमगार्ड की भूमिका भी देखी जाएगी। दोषी पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की समस्याएं उज्जैन में गंभीर हैं और प्रशासन को इनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। पारदर्शी और निष्पक्ष व्यवस्था से ही इन समस्याओं का समाधान हो सकता है और दुकानदारों को राहत मिल सकती है।

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