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25 वर्षीय युवक को नींद में ही आया अटैक


इंदौर की मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले अमितेश दुबे की शनिवार दोपहर अचानक अटैक आने से मृत्यु हो गई। अमितेश के पिता संस्कृत महाविद्यालय में ऑफिस में पदस्थ हैं और उनके परिवार में माता-पिता और एक बड़ा भाई है। अमितेश पूरी तरह से स्वस्थ थे और उन्हें पहले से किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी।

शनिवार सुबह से उन्हें पेटदर्द होने के कारण एसिडिटी जैसे संभावना दिख रखी थी, जिसके बाद डॉक्टर ने इंजेक्शन भी लगाया लेकिन घर आने के कुछ समय बाद ही सोने के दौरान अटैक आने से उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन अमितेश को अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने अमितेश को ब्रेन डेथ बता दिया, जिसके बाद परिजन दूसरे अस्पताल लेकर भी गए, जहां डॉक्टर ने अमितेश को मृत बताकर घर ले जाने को कहा।

पिता का दर्द...

15 मिनट में दो अस्पताल बेटे को लेकर पहुंचे फिर भी जान नहीं बचा पाए अमितेश के पिता शैलेश दुबे ने बताया कि उनका छोटा बेटा अमितेश इंदौर की एक कंपनी में 3 साल से नौकरी कर रहा था। रोज सबुह वह इंदौर के लिए 8.30 बजे निकलकर शाम को 9.30 तक घर पहुंच जाता था। उसे किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी। उसकी मृत्यु के एक दिन पहले भी वह अपने कंपनी के किसी साथी की फेयरवेल पार्टी अटेंड कर लौटा था। शनिवार के दिन छुट्टी रहती है, इसलिए हमने उसे जल्दी नहीं जगाया। वह 10 बजे उठा, चाय पी, नहाया, ठोड़ी देर सबसे बातचीत की।

तभी उसकी मां ने कहा कि बेटा आज पूजा तू कर लेना, वह पूजा करने लगा कि तभी अचानक उसे घबराहट होने लगी। अमितेश ने मुझे कहा कि पापा मुझे एसिडिटी हो रही है, पेटदर्द के साथ ही एक हाथ में दर्द भी हो रहा है तो पिता ने कहा मुझे ऑफिस निकलना है तो उससे कहा- बेटा मां के साथ डॉक्टर को दिखाने चले जाओ, लेकिन वह अकेले गाड़ी चलाकर हमारे फैमिली डॉक्टर के पास गया, वहां डॉक्टर ने सारी जांच की, सब सामान्य रही और वह एसीलॉक इंजेक्शन लगवाकर घर आ गया।

घर आकर उसने सबसे बातें की और फिर जाकर सो गया, तभी अचानक उसे अटैक आ गया। घरवाले उसे 15 मिनट में दो बार अस्पताल लेकर गए लेकिन उसे बचा नहीं पाए। मुझे जब घटना की सूचना मिली, तब में अस्पताल पहुंचा। मेरे साथियों ने उसे सीपीआर दिया और पूरा झंझोड़ दिया, पर वह हमें छोड़कर जा चुका था।

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