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सोयाबीन उपज का भविष्य आगामी मानसून की बारिश से तय हो जाएगा। दो साल से पैदावार कम के साथ भाव में पिटाई होने से अब इस उपज में किसानों का विश्वास खो दिया है। इस समय ऑफ सीजन सोयाबीन का चल रहा है। अधिक भाव के लिए रोका गया। मंडी में रोज 3 करोड़ रुपए से अधिक का किसान सोयाबीन बेच रहे हैं। भाव में लाभ की अपेक्षा नुकसान मिल रहा है। उज्जैन क्षेत्र की खास उपज सोयाबीन होने से मंडी में खुला बीज बेचने वाले सक्रिय हो चुके हैं।
उज्जैन क्षेत्र में ब्लैक बोल्ड और 1135 के अलावा 95 60 और अनेक वैरायटी वाला सोयाबीन चलन में है। किसान पर्वतसिंह पटेल ने बताया किसानों को मानसून की बारिश को देख ही अच्छा और मजबूत बीज के लिए कृषि वैज्ञानिकों से भी राय लेना चाहिए, ताकि सोयाबीन खराब नहीं हो। विदेशी सोयाबीन होने से इसके भाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होते हैं। अर्जेंटीना, ब्राजील के अलावा अन्य देश में सोयाबीन की बड़ी पैदावार में ली जाती है और इसके भाव भी विदेश से ही तय होते हैं।
देश की सोयाबीन की डीओसी अधिक बिके तो देश का सोयाबीन के वाले भाव पर बिकने लगता है। देश की डीओसी कम बिकने से और विदेश की अधिक बिकने से सोयाबीन के भाव दो-तीन साल से किसानों को कम ही मिल रहे हैं। इस समय पुराना सोयाबीन 4500 से 4800 रुपए तक बिक रहा है। ग्रेडिंग सोयाबीन जिसे बीज वाला कहा जाता है, इसके भाव भी 5000 से 5200 रुपए प्रति क्विंटल तक मंडी नीलाम में चल रहे हैं।