लोकसभा निर्वाचन 2024 : सम्पूर्ण उज्जैन जिले की राजस्व सीमाओं को आगामी आदेश तक साईलेन्स झोन घोषित जिला मजिस्ट्रेट उज्जैन श्री नीरज कुमार सिंह ने जारी किए आदेश
उज्जैन 21 मार्च- भारत निर्वाचन आयोग के लोकसभा निर्वाचन 2024 की घोषणा के साथ ही जिला उज्जैन में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। लोकसभा निर्वाचन निर्विघ्न, शांतिपूर्वक व व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न करवाने, कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा ध्वनि प्रदूषण को रोकने की दृष्टि से कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट उज्जैन श्री नीरज कुमार सिंह ने लोकहित में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 की धारा-18 के तहत सम्पूर्ण उज्जैन जिले की राजस्व सीमाओं को आगामी आदेश तक कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (साईलेन्स झोन) घोषित किया हैं ।
जारी आदेशानुसार संपूर्ण जिले में रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक लाउड स्पीकर एवं ध्वनि विस्तार यंत्रों का सार्वजनिक उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियम और नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधान का अनुसरण कर ध्वनि मानक 10 डेसीबल या कुल क्षमता का 1/4 वाल्यूम में से जो कम हो पर ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग किया जाएगा। धोनी विस्तारक यंत्र के प्रयोग में संपूर्ण जिला सम्मिलित होने पर अनुमति देने के लिए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी उज्जैन द्वारा तथा संबंधित अनुभाग और विधानसभा क्षेत्र में अनविभागीय दंडाधिकारी/ सहायक रिटर्निंग अधिकारी द्वारा दी जाएगी।
वाहन पर ध्वनि विस्तार यंत्र के उपयोग की स्थिति में वाहन का पंजीयन, वैध ड्रायविंग लायसेंस, बीमा, फिटनेस आदि दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। यदि चलित वाहन में लाउड स्पीकर का प्रयोग किया जाता है तो उपयोग में लाये जाने वाले मार्ग अथवा क्षेत्र का विवरण प्रस्तुत करना भी आवश्यक होगा। शासकीय विश्राम भवन, न्यायालय, चिकित्सालय, कलेक्ट्रेट, जेल, विद्यालय, शासकीय कार्यालय, पुलिस थाना, बैंक, दूरसंचार तथा अन्य क्षेत्र जो अन्यथा घोषित किए जाए आदि से 200 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तार यंत्रों के प्रयोग की अनुमति प्रदान नही की जाएगी।
किसी भी आम सभा, जुलूस या चलित वाहन में ध्वनि विस्तार यंत्र के प्रयोग की अनुमति कम से कम 48 घंटे पूर्व संबंधित सक्षम अधिकारी से प्राप्त करना होगा।आदेश का उल्लघंन करने वाले व्यक्तियों / राजनैतिक दलों के विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 तथा
म.प्र. कोलाहाल नियंत्रण 1985 के प्रावधानों अन्तर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।