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खाद्य पदार्थ में मिलावट के प्रति नागरिकों को भी जागरूक होना पड़ेगा -खाद्य अधिकारी खाद्य व्यापार में रिकॉल प्लान के महत्व विषय पर कार्यशाला सम्पन्न


उज्जैन 02 फरवरी। खाद्य पदार्थ में मिलावट के प्रति अब नागरिकों को भी जागरूक होना पड़ेगा।
अब हम ईट राइट से ईट राइट लोकल को महत्व दे रहे हैं, ताकि स्थानीय शुद्ध खाद्य पदार्थ नागरिकों
को मिल सके। यह बात फूड सेफ्टी अधिकारी बसंतदत्त शर्मा ने एक निजी कंपनी द्वारा आयोजित
कार्यशाला में कही। रिकॉल प्लान के महत्व विषय पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कंपनी के अधिकारी-
कर्मचारियों को फूड सेफ्टी से संबंधित नियम और सावधानियों की जानकारी दी। कार्यशाला में फूड सेफ्टी

अधिकारी बी.एस.देवलिया भी उपस्थित थे। निजी संस्था की ओर से डॉ.नरेन्द्र कुमार चोकसे ने अतिथियों
अधिकारियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
कार्यशाला में श्री शर्मा ने बताया कि फएसएसआई में रिकॉल प्लान पर कई सारे नियम हैं। इसे
फॉलो कर उत्पादनों की गुणवत्ता को बनाएं रखना चाहिए। प्रोडक्ट रूल रेग्यूलेशन के अनुसार या
गुणवत्तापूर्वक नहीं बनता है तो उसे मार्केट रिकॉल कर सकते हैं। कंपनियों की समय-समय पर इस संबंध
में कार्यशालाएं आयोजित होनी चाहिए। इससे खाद्य उत्पादों की सुरक्षा अधिक सुनिश्चित हो जाती है।
खाद्य अधिकारी बी.एस.देवलिया ने कहा कि हम समय-समय पर व्यापारियों के संस्थानों से खाद्य पदार्थो
की सेम्पलिंग करते हैं और इसकी शुद्धता को जांचने के लिए सेम्पल लेब में भेजते हैं। खाद्य पदार्थ में
गुणवत्ता किसी भी खाद्य पदार्थ के बाक्स पर लगी इंक से भी प्रभावित हो सकती है। अगर गुणवत्ता विहिन
खाद्य उत्पाद सभी सावधानियों के बावजूद बाजार में विक्रय हेतु उपलब्ध हो जाता है तो किसी शिकायत
या समय रहते त्रुटि की जानकारी लगते ही उत्पाद को बाजार से वापस बुलाया जा सकता है एवं पैकेजिंग
संबंधी त्रुटियों में सुधार की गुंजाईश होने पर सुधार कर उत्पाद पुनः विक्रय कर सकता है।

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